दरअसल, कांग्रेस आलाकमान भाजपा से मुकाबले के लिए अपने हर बड़े नेता को चुनाव में उतारना चाहता है। इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहले भी सभी नेताओं को तैयारी के लिए कह चुके हैं। राजस्थान को लेकर मंगलवार शाम को हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने वरिष्ठ नेताओं को चुनाव में उतरने को लेकर सवाल कर दिया। इस पर पार्टी महासचिव जितेन्द्र सिंह और सचिन पायलट ने खुद के पास अन्य राज्यों का प्रभार होने की बात कह कर एक तरह से चुनाव लड़ने में असमर्थता जता दी। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के किसी पद पर नहीं होने के चलते उन्हें चुनाव में उतारने को लेकर सवाल किया गया। इस पर स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल ने कहा कि स्वास्थ्य कारणों से गहलोत चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। उनकी जगह उनके बेटे वैभव चुनाव में उतरने को तैयार है।
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पत्रिका ने उजागर की थी कांग्रेस की रणनीति
राजस्थान पत्रिका के 4 मार्च के अंक में कांग्रेस की दिग्गजों के चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति का खुलासा किया था। कांग्रेस आलाकमान ने इसी रणनीति को अमल में लाने के लिए मंगलवार को सीईसी बैठक में बड़े नेताओं को चुनाव में उतरने का प्रस्ताव रखा।