एसओजी को आरपीए में प्रशिक्षण ले रहे 13 और थानेदारों के बारे में शिकायत की गई है। शिकायत करने वालों ने कुछ डमी अभ्यर्थियों की जानकारी भी दी है। एसओजी अधिकारी सूचना के आधार पर परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों की जानकारी जुटा रहे हैं। बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव बाद इन प्रशिक्षु थानेदारों को गिरफ्तार किया जा सकता है।
36 प्रशिक्षु थानेदार हो चुके गिरफ्तार
एसओजी अब तक 36 प्रशिक्षु थानेदारों को गिरफ्तार कर चुकी है। हालांकि 40 प्रशिक्षु थानेदारों की परीक्षा से पहले पेपर लेने और डमी अभ्यर्थी बैठाकर परीक्षा देने की तस्दीक करने में जुटी है। एसओजी टीम को गिरफ्तार हो चुके प्रशिक्षु थानेदारों से पूछताछ के बाद भी कुछ इनपुट मिला है। पेपर लीक करने वाले गिरोह के 7 सदस्य भी गिरफ्तार हो चुके हैं। आरोपियों ने 15 से 20 लाख में लिया पेपर
आरोपियों में कुछ ने परीक्षा से पहले पेपर प्राप्त किया, कुछ ने खुद की जगह डमी अभ्यर्थी बैठाया और कुछ ने अन्य अनुचित साधन उपयोग में लेकर नकल की थी। गिरफ्तार आरोपियों में से किसी ने 15 लाख तो किसी ने 20 लाख रुपए पेपर लीक करने वाले गिरोह को दिए। अभी आरपीए में प्रशिक्षण ले रहे थानेदारों की भूमिका की जांच चल रही है।
सबका आका एक… जगदीश बिश्नोई
पेपर लीक मामले में मास्टर माइंड जगदीश बिश्नोई सबका आका है। आरोपी जगदीश ने उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करवाया और उसके बाद साथी यूनिक भांभू व शिवचरण को दिया। यहां से पेपर भूपेन्द्र सारण, शेर सिंह मीणा व फरार चल रहे सुरेश ढाका तक पहुंचा और फिर इन्होंने अपने कई गुर्गों को पेपर भेजकर परीक्षार्थियों को पढ़ाया।