आंकड़ों की जुबानी
अप्रेल 2020 से लेकर 2024 में अब तक 225 से अधिक सर्पदंश के मामले सामने आ चुके हैं। वर्ष 2020-21 में 75, वर्ष 2021-22 में 73, वर्ष 2022-23 में 52, वर्ष 2023-24 में अब तक 25 जनों को सांप ने डसा है।उपचार उपलब्ध होने से राहत
मरुस्थलीय व नहरी इलाकों में बढ़ते सर्पदंश के मामलों के बीच हकीकत यह भी है कि उपचार की उपलब्धता से राहत मिली है। सर्पदंश के मरीजों को उपचार के लिए मोहनगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया जाता है, जहां पर चिकित्सकों की ओर से मरीजों का उपचार किया जा रहा है। स्नेक बाइट के लिए एएसवी इंजेक्शन मरीजों को नि:शुल्क उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।बचाव के लिए ध्यान दें
- किसानों को खेत में कार्य करने के दौरान पहनने चाहिए लम्बी स्लीज वाले जूते।
- रात्रि में करें टॉर्च का उपयोग।
- फसलों को पानी पिलाने व फसलों की कटाई के दौरान रखें विशेष ध्यान।
- एकत्रित फसलों को उठाने के दौरान बरतें सावधानी।
- गर्मी के मौसम में नमी वाले स्थानों पर जाने से करें परहेज।
एक्सपर्ट व्यू - नमी के वातावरण में सांप अधिक
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधिकारी डॉ. केसरसिंह राठौड़ बताते हैं कि स्नेक बाइट से पीडि़त मरीजों के लिए अस्पताल में नि:शुल्क इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। जिसकी बाजार में प्रति इंजेक्शन की कीमत लगभग 1000 रुपए है। किसी जहरीले सांप के काटने या कोबरा सांप के काटने के मरीजों के काफी संख्या में एएसवी इंजेक्शन लगाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र में नमी अधिक रहती है। वहीं सांपों को नमी का वातावरण रास आता है। ऐसे में क्षेत्र में सांपों की भरमार देखने को मिल रही है।