कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस वर्ष आईआईटी की हर सीट के लिए करीब 11 विद्यार्थियों में कम्पीटिशन होगा। इस वर्ष सर्वाधिक 1 लाख 91 हजार स्टूडेंट्स ने आवेदन किया है, जो कि आईआईटी की 17 हजार 385 सीटों के लिए परीक्षा देंगे। इन 17385 सीटों में 20 प्रतिशत सीटें फीमेल-सुपरन्यूमेरेरी कोटे की शामिल हैं, जो कि लड़कियों के लिए 20 प्रतिशत फीमेल पूल कोटे से अतिरिक्त आवंटित की जाती हैं। आमतौर पर जेईई एडवांस्ड परीक्षा में छात्र-छात्राओं का अनुपात 65 एवं 35 फीसदी रहता है। ऐसे में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की आईआईटी में सीट मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
पिछले कई वर्षों से जेईई एडवांस्ड के जारी किए जाने वाले आंकड़ों के अनुसार जेईई मेन के आधार पर क्वालीफाई किए गए 2.50 लाख स्टूडेंट्स में करीब 60 हजार स्टूडेंट्स ऐसे होते हैं, जो एडवांस्ड परीक्षा को ड्राॅप कर देते हैं यानी परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन ही नहीं करते।
इसका प्रमुख कारण 12वीं बोर्ड में 75 प्रतिशत की बोर्ड पात्रता एवं स्टूडेंट्स का एडवांस्ड परीक्षा के लिए पूर्ण तैयारी नहीं होना होता है, जबकि एनटीए ने पहली बार जेईई मेन के रिजल्ट में फिल्टरेशन करते हुए ऐसे स्टूडेंट्स एडवांस्ड परीक्षा के लिए इलिजिबल ही नहीं किया, जिनकी 12 परीक्षा वर्ष 2023 से पहले पास की हुई है, यानी जिनके एडवांस्ड परीक्षा के दो अटेम्प्ट पूरे हो चुके हैं, उन्हें इलेजिबल ही नहीं किया गया है।
वहीं जिन स्टूडेंट्स की जेईई मेन स्कोर कार्ड में इलेजिबल लिखा हुआ है, वे एडवांस्ड परीक्षा के लिए वास्तविक पात्र हैं, इसके बावजूद 60 हजार स्टूडेंट्स ने आवेदन नहीं किया है। आहूजा ने बताया कि इस वर्ष जेईई मेन और एडवांस्ड दोनों परीक्षाओं में सर्वाधिक रजिस्ट्रेशन हुए हैं। 14 लाख 15 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने जेईई मेन दी, इसके बाद 1.91 लाख ने एडवांस्ड के लिए रजिस्ट्रेशन किया। जेईई एडवांस्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए कटऑफ भी गत वर्षों की अपेक्षा अच्छी रही।
इसके बावजूद भी गत वर्षों की भांति 60 हजार स्टूडेंट्स ने जेईई एडवांस्ड को ड्रॉप कर दिया। इससे ये माना जा सकता है कि ये स्टूडेंट्स जेईई मेन पर ही फोकस करते हैं या एडवांस्ड की परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं होते। स्टूडेंट्स को एडवांस्ड में शामिल होकर सेल्फ असेसमेंट करना चाहिए।