मराठी अभिनेत्री केतकी चिताले की एक पोस्ट के चलते उनकी गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को व्यक्तिगत रूप से आयोग के समक्ष पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था। हालांकि कल सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र पुलिस प्रमुख की ओर से विशेष महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) मिलिंद भारम्बे आयोग के सामने पेश हुए।
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एनसीडब्ल्यू ने सुनवाई के दौरान कहा कि पुलिस को ‘राजनीतिक बदला’ को आधार बनाकर काम नहीं करना चाहिए था। साथ ही आयोग ने पूछा कि केतकी चिताले के खिलाफ दर्ज एफआईआर में मानहानि का प्रावधान क्यों किया गया है और इसका शिकायतकर्ता कौन था? एनसीडब्ल्यू महाराष्ट्र पुलिस प्रमुख का पक्ष रखने आये पुलिस अधिकारी से जानना चाहा कि केतकी वाले पोस्ट को पहले ही कई लोगों शेयर कर चुके थे, लेकिन कार्रवाई केवल केतकी के खिलाफ ही क्यों की गई। एनसीडब्ल्यू ने साथ ही मराठी अभिनेत्री की गिरफ्तारी को लेकर उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं करने की भी बात कही। आयोग ने कहा, “सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत, पुलिस को गिरफ्तारी से पहले आरोपी को नोटिस देना होता है और असंज्ञेय मामलों में मजिस्ट्रेट से पहले अनुमति लेनी होती है। हालांकि, पुलिस कानून के इस अनिवार्य प्रावधान का पालन करने में विफल रही।’’
सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग ने पुलिस स्टेशन के बाहर केतकी पर हमला करने वाली एनसीपी की महिला नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई जानकारी मांगी। केतकी के खिलाफ दर्ज एफआईआर में निरस्त हो चूकी आईटी अधिनियम की धारा 66 ए को जोड़ने को लेकर भी आयोग ने महाराष्ट्र पुलिस से जवाब मांगा। एनसीडब्ल्यू ने मामले को अगली कार्रवाई तक के लिए स्थगित कर दिया है।