दरअसल, उच्च न्यायालय ने बच्चा राय को अंतरिम जमानत दी थी, जिसके बाद बिहार सरकार का शीर्ष अदालत आना तय माना जा रहा था। बिहार सरकार की याचिका में कहा गया है कि बच्चा राय को जमानत देने के पीछे पटना उच्च न्यायालय ने कोई आधार नहीं दिया है और बच्चा राय के जेल के बाहर रहने से सुनवाई प्रभावित हो सकती है।
बिहार सरकार ने यह भी कहा है कि बच्चा राय बिहार टॉपर घोटाले का मास्टरमाइंड है और इसने पूरी बिहार शिक्षा प्रणाली को संदेह के घेरे में खड़ा कर दिया है। बिहार टॉपर घोटाला सामने आने के बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बच्चा राय के खिलाफ धोखाधड़ी, ठगी, फर्जी कागजात तैयार करने और संपत्ति का दुरुपयोग करने का मामला दर्ज किया था।
एसआईटी से मिली जानकारी के अनुसार बच्चा राय के बैंक खाते में 73 लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा है। इंटर टॉपर घोटाले के बाद बच्चा राय के घर पर की गयी छापेमारी में एक करोड़ 85 लाख रुपये की कीमत के जमीन के कागजात भी मिले थे।