यह कार्य हुए स्वीकृत
विभाग की ओर से दस कार्यों के लिए जारी की गई 87 लाख 27 हजार राशि से दस कार्य शुरू होंगे। इसमें श्रमिकों से कार्य कराए जाएंगे। नगरपालिका चेयरमैन मायादेवी बलाई ने बताया कि पंचायतराज में कुल 2359 जॉबकार्ड से कुल 2289 श्रमिक थे, इसमें एक्टिव श्रमिक 1555 थे। मनरेगा बंद होने के बाद सभी श्रमिक बेरोजगार हो गए। मजबूरन निजी कार्यो पर मजदूरी करनी पड़ रही थी।
16 मार्च से कार्य की शुरुआत की जाएगी। अब तक कार्यालय की ओर से 61 जॉब कार्ड बनाए जा चुके है। गौरतलब है कि 18 जुलाई 2023 को नगरपालिका की अधिसूचना जारी होने के बाद 01 अक्टूबर 2023 से कार्य करना शुरू कर दिया। ऐसे में कस्बे के सैकड़ों श्रमिक बेरोजगार हो गए। राजस्थान पत्रिका ने टोंक संस्करण में 29 दिसम्बर 2023 को शीर्षक ‘अनदेखी का आलम: श्रमिकों को इन्दिरा गांधी शहरी गारंटी योजना शुरू होने का इंतजार’ से समाचार प्रकाशित कर विभाग का ध्यान इस और खींचा। इसके बाद जागे विभाग ने लाखों की राशि के दस कार्य स्वीकृत किए।
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श्रमिक कर रहे थे रोजगार की मांग
नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी पवनकुमार शर्मा ने बताया कि नगरपालिका बनने के बाद पंचायतराज की मनरेगा योजना बंद होने से श्रमिकों को रोजगार मिलना बंद हो गया। ऐसे में उनकी ओर से से बार-बार रोजगार की मांग करने पर उच्चाधिकारियों को किए पत्र व्यवहार के बाद विभाग ने कस्बे में शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरूआत करने के निर्देश जारी किए।