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उदयपुर

अनाथ बच्चों की ली सुध, चिलचिलाती धूप में मिले नंगें पैर, अन्न पानी की व्यवस्था की

मां-बाप का साया उठने के बाद अनाथ हुए पांच बच्चों की खबर राजस्थान पत्रिका में प्रकाशन के बाद जिला प्रशासन की टीम सोमवार को सुध लेने बच्चों के पास पहुंची। चिलचिलाती धूप में बच्चों को नंगे पैर देखकर टीम खुद द्रवित हो उठी।

उदयपुरApr 30, 2024 / 07:50 pm

surendra rao

अनाथ बच्चों की ली सुध

उदयपुर. जयसमंद . मां-बाप का साया उठने के बाद अनाथ हुए पांच बच्चों की खबर राजस्थान पत्रिका में प्रकाशन के बाद जिला प्रशासन की टीम सोमवार को सुध लेने बच्चों के पास पहुंची। चिलचिलाती धूप में बच्चों को नंगे पैर देखकर टीम खुद द्रवित हो उठी। नायब तहसीलदार ने हाथोंहाथ पहले बच्चों के जूते मंगवाकर उन्हें पहनाए। उसके बाद टीम ने उन्हें सरकारी योजनाओं से जोडऩे के लिए हर संभव कागज तैयार करवाते हुए संबंधित अधिकारियों व कार्मिकों को भेजी। बच्चों को पालनहार योजना व पढ़ाई से जोडने के लिए टीम प्रयास कर रही है। राजस्थान पत्रिका में 29 अप्रेल को 13 वर्षीय बहन उठा रही है चार बच्चों का भरण पोषण, मां-बाप का साया उठने पर अनाथ हुए पांच बच्चे शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर प्रकाशन के बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर सराडा तहसीलदार आस्था बामनिया, जयसमंद नायब तहसीलदार मदन लाल गर्ग, जयसमंद पंचायत समिति अतिरिक्त विकास अधिकारी सुरेश कुमार खटीक, गातोड़ पटवारी प्रिया प्रजापत, गामड़ी ग्राम विकास अधिकारी कलावती चौबीसा, गामड़ी सरपंच भूरी मीणा, समाजसेवी कालूलाल मीणा, उप सरपंच रतन ङ्क्षसह और रमेश मीणा मौके पर पहुंचे और उन्होंने से बातचीत कर उन्हें सरकार की समस्त योजना से जोडऩे की कवायद शुरू कर दी। सरकार लाभ मिलने पर बच्चों ने भी पढ़ाई करने की इच्छा जाहिर की।
अध्यापक को बुलवाकर बच्चों को स्कूल में दिलवाया प्रवेश : मौके पर पांचों बच्चे तेज गर्मी में नंगे पैर मिले। नायब तहसीलदार मदन लाल गर्ग ने बच्चों के जूते मंगवाकर पहनाएं। सभी अधिकारियों ने बच्चों से बातचीत करते हुए जानकारी जुटाई तथा पटवारी से मौका रिपोर्ट बनाई। इधर नायब तहसीलदार ने आंगनवाड़ी सुपरवाइजर को दूरभाष पर बातचीत करते हुए एक बच्चे पवन मीणा को आंगनवाड़ी से जोड़ा। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गामडी के अध्यापक सूर्यप्रकाश मीणा को मौके पर बुलाकर बच्चों को विद्यालय में प्रवेश दिलाकर पालनहार योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिए।
हर स्कीम में आ रहा था रोड़ा, हाथोंहाथ किया समाधान
अध्यापक ने बताया कि बच्चों के जनआधार में मुखिया नहीं होने की जानकारी देते हुए जन आधार की समस्या से अवगत करवाया। जिस पर मौके पर ई मित्र संचालक पीलेश चौबीसा को बुलाकर जोडऩे के लिए कहा गया।
ठ्ठ समाजसेवी कालू लाल मीणा ने तहसीलदार को बच्चों के बीपीएल राशन कार्ड होने के बाद भी राशन का गेहूं नही मिलने की जानकारी दी। जिस पर राशन डीलर सावाराम मीणा को मौके पर बुलाया। कारण पूछने पर बताया कि राशन कार्ड में बच्चो के आधार कार्ड की केवाईसी नहीं है। तहसीलदार आस्था बामनिया ने रसद अधिकारी से बातचीत की, रसद कार्यालय से राशन कार्ड में बच्चो के आधार कार्ड की जुड़वाकर राशन का गेहूं देने का आश्वासन दिया।
ठ्ठ अतिरिक्त ग्राम विकास अधिकारी ने बताया कि जन आधार में मुखिया और उसके पति की मौत हो जाने के बाद सबसे बड़ी बेटी की आयु 13 वर्ष ही होने से उसे जन आधार कार्ड में मुखिया बनाना संभव नहीं है लेकिन उक्त समस्या की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों और सरकार तक पहुंचाकर हर तरह के प्रयास कर इन अनाथ बच्चों को पालनहार योजना का लाभ दिलवाने के लिए गया गया।

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