क्या हो रहा है— महाकाल को सैकड़ों लीटर कलर और क्विंटलों फूल चढ़ा रहे हैं। 24 मार्च को तड़के होनेवाली भस्म आरती में 51 क्विंटल फूल चढ़ाए गए थे। संध्या आरती में गर्भगृह और नंदी हाल में कई क्विंटल गुलाल उड़ाया गया।
2. सुझाव— एक्सपर्ट कमेटी ने गर्भगृह में बहुत कम लोगों के रहने का सुझाव दिया है। यहां का तापमान नियंत्रित रखने के लिए ऐसा कहा गया है।
क्या हो रहा है— अग्निकांड के समय गर्भगृह में बड़ी संख्या में पुजारी और सेवक थे। 16 लोग तो घायल ही हुए हैं। साफ जाहिर होता है कि मंदिर प्रशासन एक्सपर्ट कमेटी के सुझाव पर अमल नहीं कर रहा है। हर पर्व पर ऐसा ही होता है। एक ही समय में कई लोग यहां खड़े रहते हैं।
3. सुझाव— महाकाल का जल अभिषेक आरओ के पानी से करने तथा कैमिकल रहित पूजन सामग्री अर्पित करने को कहा गया है।
क्या हो रहा है— मंदिर के पुजारी, पुरोहित भी प्रमुख पर्वों पर गाइड लाइन का पालन नहीं करते। केमिकल युक्त पूजन सामग्री का खुलेआम उपयोग किया जाता है। होली के दिन तो कुछ श्रद्धालु रंग के सिलेंडर लेकर नंदी हाल में भी आ गए थे।
बिचौलिए चढ़ा रहे क्विंटलों भोग
महाकाल में दरअसल बिचौलियों का कब्जा है। शिव नवरात्र में पूरे नौ दिनों तक महाकाल को भोग के रूप में क्विंटलों ड्रायफ्रूट अर्पित किए गए। बाहर के दानदाताओं ने बिचौलियों के जरिए ही यह काम किया। एक वायरल वीडिया में नैवेद्य द्वार की सीढ़ी पर रंग के सिलेंडर और बंद बोरियां रखी दिख रहीं हैं।
सीसीटीवी से खुल सकती है पोल
महाकाल मंदिर से संबंधित सूत्र बताते हैं कि सीसीटीवी फुटेज से ये सब करतूतें उजागर हो सकती हैं। रिकार्डिंग देखकर बिचौलियों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
इधर महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने इस संबंध में बताया कि एक्सपर्ट कमेटी के सुझावों पर पूर्ण अमल कराने के लिए अब जिम्मेदारी तय की जाएगी। हादसे के बाद गर्भगृह व नंदी हाल में अनाधिकृत लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। जल्द ही नई व्यवस्था भी लागू होगी।