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सुल्तानपुर

इस बड़े नेता की बसपा में होगी वापसी, मायावती ने दी हरी झंडी, अपने फैसले को लिया वापस

इस नेता को बसपा सुप्रीमो मायावती के सबसे खास सिपहसालारों में गिना जाता था…

सुल्तानपुरMay 11, 2018 / 11:27 am

नितिन श्रीवास्तव

Former UP minister Vinod Singh join Bahujan Samaj Party

इस बड़े नेता की बसपा में होगी वापसी, मायावती ने दी हरी झंडी, अपने फैसले को लिया वापस

सुल्तानपुर. पूर्ववर्ती बसपा की मायावती सरकार में पर्यटन राज्यमंत्री रहे विनोद सिंह की घर वापसी हो गई है। यानी उनकी बसपा में फिर से इंट्री हो गई है। उनकी बसपा में इंट्री बसपा जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश गौतम के अनुरोध पर हुई। बताया जा रहा है कि जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश गौतम ने बसपा सुप्रीमो मायावती को पत्र लिखकर पूर्व मंत्री विनोद सिंह को पार्टी में फिर से शामिल कराने का अनुरोध किया था। जिस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने फैसले को वापस लेते हुए पार्टी में उनकी इंट्री के लिए ग्रीन सिंग्नल (हरी झंडी) दे दिया है। जिसके बाद जोनल कोऑर्डिनेटर और एमएलसी दिनेश चन्द्रा ने पूर्व मंत्री विनोद सिंह की बसपा में घर वापसी की घोषणा कर दी। हालांकि पूर्व मंत्री विनोद सिंह की तरफ से अभी तक इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
विनोद सिंह की बसपा में वापसी

जहां तक पूर्व मंत्री विनोद सिंह के राजनीतिक सफर का सवाल है तो वह साल 2007 के शुरुआती समय में कांग्रेस छोड़कर बसपा में शामिल हुए थे। हालांकि पूर्व मंत्री विनोद सिंह का परिवार पूरी तरह कांग्रेसी था। उनके स्वर्गीय पिता केदारनाथ सिंह खुद इंदिरा गांधी सरकार में उपमंत्री रहे थे। विनोद सिंह ने साल 2002 में कांग्रेस के टिकट पर लम्भुआ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। जिसमें उनकी बुरी तरह हार हुई थी। यहां तक कि उनकी जमानत नहीं बच सकी थी। कांग्रेस का निकट भविष्य में अच्छा समय आता न भांपकर उन्होंने बसपा ज्वाइन कर लम्भुआ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। जिसके बाद मायावती सरकार में वह पर्यटन राज्यमंत्री स्वतन्त्र प्रभार बने थे।
विनोद सिंह से नाराज हुईं मायावती

विनोद सिंह को बसपा सुप्रीमो मायावती के सबसे खास सिपहसालारों में गिना जाता था। लेकिन समय ने ऐसी पलटी मारी कि 2012 औ 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में जिले में बसपा का प्रदर्शन दयनीय रहा। जिसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती पूर्व मंत्री विनोद सिंह से खासी नाराज थीं। सूत्रों पर भरोसा करें तो पूर्व मंत्री को नसीमुद्दीन सिद्दीकी के कैम्प का माना जाता था। शायद इसलिए पूर्व मंत्री को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। जानकारों का कहना है कि पार्टी से निकाले जाने के बाद पूर्व मंत्री विनोद सिंह ने भाजपा सहित अन्य दलों में भी जाने की कोशिश की थी। लेकिन किसी पार्टी में बात न बन पाने के कारण वह चुपचाप समय का इंतजार करते रहे थे।
तीन भाई हैं विनोद सिंह

पूर्व मंत्री विनोद सिंह तीन भाई हैं। विनोद सिंह के अलावा पूर्व एमएलसी अशोक सिंह और अरविंद सिंह हैं। पूर्व मंत्री विनोद सिंह कमला नेहरू विश्वविद्यालय, कमला नेहरू टेक्निकल इंस्टीट्यूट, केएनआई (सी), कमला नेहरू कृषि विज्ञान केन्द्र के अलावा दर्जनों विद्यालय एवं करीब 20 पेट्रोल पंप हैं। दूसरे भाई अशोक कुमार सिंह इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का बिजनेस करते हैं। उन्हें पूर्ववर्ती मायावती की सरकार के समय विधान परिषद के लिए हुए चुनाव में एमएलसी बनाया था। वहीं तीसरे भाई अरविन्द सिंह का भी बड़ा विजनेस है।

सपा बसपा गठबंधन की ताकत देख पूर्व मंत्री ने लिया यू-टर्न

तीन माह पूर्व पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण बसपा से बाहर होने वाले पूर्व मंत्री विनोद सिंह फिर बसपाई हो गए।सूत्र बताते हैं कि उस समय बसपा छोड़ने वालों की होड़ लगी थी। इसी कारवां में मंत्री जी भी शामिल हो गए और इस्तीफे में बता दिया कि वह निजी जीवन मे व्यस्त हैं। इधर सपा-बसपा के बीच एका होते ही मंत्री के खेमे में हलचल पैदा हो गयी और उन्होंने मौका देखते ही यू टर्न ले लिया। राजनीतिक जानकारों की अगर मानें तो वह भाजपाई होने वाले थे। लेकिन बदले समीकरण ने उन्हें नीला झंडा थामने को मजबूर कर दिया।

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