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सुल्तानपुर

इस वीआईपी सीट पर कभी नहीं जीतीं महिलाएं, कइयों की जमानत भी हुई जब्त

उत्तर प्रदेश की इस वीआईपी सीट पर महिलाएं वोट देने में तो पुरुषों से आगे हैं, लेकिन वह महिला प्रत्याशियों को वोट नहीं करतीं…

सुल्तानपुरMar 25, 2019 / 07:59 pm

Hariom Dwivedi

Sultanpur Lok Sabha Seat

इस वीआईपी सीट पर कभी नहीं जीतीं महिलाएं, कइयों की जमानत भी हुई जब्त

राम सुमिरन मिश्र
सुलतानपुर. 1952 से लेकर 2014 तक के आम चुनाव में सुलतानपुर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी सहित 5 महिला उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई, लेकिन हर बार जनता ने उन्हें नकार दिया। सुलतानपुर में महिलाएं वोट देने में तो पुरुषों से आगे हैं, लेकिन महिला प्रत्याशियों को यहां कभी जीत नसीब नहीं हुई, चाहे वह राष्ट्रीय दलों से उम्मीदवार घोषित हुई हों या फिर निर्दलीय।
वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र से पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लम्भुआ की निवासिनी सरोज शुक्ला ने नामांकन किया था। उन्हें बांसुरी चुनाव निशान मिला था। जनता ने उन्हें पूरी तरह नकार दिया था। 1996 में सुलतानपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर गांधी परिवार की करीबी दीपा कौल चुनावी मैदान में उतरीं, उन्हें भी जनता का समर्थन नहीं मिला और वह तीसरे नंबर पर खिसक गईं।

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रीता जोशी भी हारीं

1998 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा की पुत्री रीता बहुगुणा जोशी को समाजवादी पार्टी से टिकट दिया। लेकिन वह भी चुनाव हार गईं, यहां तक कि वह अपनी जमानत भी नहीं बचा सकीं। 2004 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जिले के लम्भुआ क्षेत्र की निवासी डॉ. वीणा पांडेय को टिकट दिया, वह भी अपनी जमानत नहीं बचा सकीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अमेठी के डॉ. संजय सिंह की द्वितीय पत्नी अमिता सिंह को सुलतानपुर संसदीय क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस बार भी जनता ने महिला कैंडिडेट को जिताने में दिचलस्पी नहीं जताई है। वह चौथे नंबर पर खिसक गईं। इस बार शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया से कमला यादव को टिकट दिया है।
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महिलाएं भी महिलाओं को नहीं देतीं वोट
सुलतानपुर संसदीय क्षेत्र में 1952 से लेकर 2014 तक 5 बार महिला प्रत्याशियों ने निर्दलीय सहित विभिन्न दलों से लोकसभा चुनाव लड़कर भाग्य आजमाया, लेकिन किसी को भी सफलता हाथ नहीं लगी। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि महिला प्रत्याशियों को महिलाओं ने ही वोट नहीं करतीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में संसदीय क्षेत्र में महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 64 हजार 61 थी। इनमें से 49 फीसदी, 4 लाख 89 हजार 84 महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इस चुनाव में कांग्रेस की इकलौती महिला उम्मीदवार डॉ. अमिता सिंह को कुल 41 हजार 983 वोट ही मिले थे। इसमें महिला-पुरुष दोनों के वोट शामिल थे।
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