शिकायत मिलते ही जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में जिला बाल संरक्षण इकाई महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक, चाइल्ड लाइन, पुलिस की संयुक्त टीम लड़की के घर पहुंच गई और उन्होंने लड़की की उम्र को देखते हुए बाल विवाह (Child marriage) रुकवा दिया।
संयुक्त टीम सूरजपुर जिले के रामानुजनगर के ग्राम जगन्नाथपुर पहुंची थी। अधिकारियों के आने की खबर लगते ही किशोरी के माता-पिता घर छोड़कर भाग गये। किशोरी से पूछने पर पता चला कि बालिका 11 वीं विज्ञान संकाय से इस वर्ष पास हुई है, आगेे की पढाई भी करना चाहती है, मगर घर वाले एक 10वीं फेल लड़के से उसकी शादी कर दे रहें है, जबकि वह शादी (Child marriage) नहीं करना चाहती। इसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से किशोरी को सखी वन स्टॉप सेन्टर लाकर रखा गया।
तब जाकर किशोरी के माता-पिता किशोरी का दस्तावेज लेकर उपस्थित हुए। वे बेटी का बाल विवाह (Child marriage) नहीं करने एवं उसे आगे पढ़ाने को तैयार हुए। वहीं टीम ने लड़के पक्ष को भी स्थिति से अवगत कराया। किशोरी को बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया।