गौरतलब है कि विगत 27 फरवरी को रायपुर ट्रेनिंग में जाने के नाम से घर निकली ग्राम चंदरपुर निवासी युवती धनमेत रायपुर जाने की बजाय गांव के ही अपने शादीशुदा प्रेमी संतोष विश्वकर्मा के साथ देवनगर चली गई थी। यहां से वह बोलेरो वाहन क्रमांक सीजी 15 बी 2918 से अपने प्रेमी के साथ केतका गई।
लाश की शिनाख्त होते ही खुलते गए राज
केतका जंगल में मिली अधजली लाश की पहचान के लिए पुलिस ने बहुत मेहनत की। पूरे प्रदेश के थानों में दर्ज गुमशुदगी की रिपोर्ट मंगाकर शिनाख्त की गई, फिर भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल पाया। इसी बीच घटना के एक महीने बाद चंदरपुर निवासी भदरसाय गोंड़ ने जब अपनी पुत्री धनमेत सिंह की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई तो पुलिस ने अधजली युवती की लाश से मिले कपड़े, जूते, बेल्ट, मोजा और दुपट्टा दिखाकर परिजन से पूछताछ की।
मोबाइल को तोड़कर सिम फेंका
घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी युवक संतोष विश्वकर्मा ने मृतिका के मोबाइल को तोड़ दिया था, उसकी सिम को व्यवसायी के गोदाम के पास फेंक दिया था। युवती के चार एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करते हुए युवक ने दो-दो हजार रुपए करके 12 हजार रुपए आहरित किये थे। पुलिस ने हिरासत में लेकर उसकी निशानदेही पर सभी सामान बरामद कर लिया है।
मौत के बाद भी एटीएम से निकलती रही राशि
पुलिस ने जब युवती की शिनाख्त कर ली तो मृतिका का मोबाइल नम्बर भी मिल गया। परिजन से अकाउण्ट की जानकारी हासिल होने पर पुलिस ने अकाउण्ट नम्बर और मोबाइल के कॉल डिटेल खंगाले तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये। मृतिका की लाश तो 12 मार्च को मिली थी, लेकिन युवती के एटीएम कार्ड से क्रमश: 10,11,12,13,14 एवं 16 मार्च तक रकम निकाली जाती रही।
गुत्थी सुलझाने में इन्होंने निभाई भूमिका
पूरी तरह से उलझी इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में पुलिस अधीक्षक डीआर आंचला ने सीएसपी डीके सिंह के नेतृत्व में टीम गठित की थी। इसमें टीआई दीपक पासवान, निलाम्बर मिश्रा, संजय सिंह, स्पेशल पुलिस टीम प्रभारी सरफराज फिरदौसी, सुनील सिंह, राहुल गुप्ता, रजनीश त्रिपाठी, मनोज पोर्ते, रामनिवास तिवारी, बिशुनदेव पैकरा, आलोक सोनी, महेन्द्र सोनी, विकास पटेल, वसीम रजा, राजीव गवेल, सुरेश साहू, लक्ष्मीनारायण मिर्रे, सतेन्द्र दुबे, दिलीप सिंह, रोशन आरमो, राजकुमार पासवान, रामकुमार नायक समेत अन्य ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।