मैंने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार के वित्त, खाद्य, रक्षा व ट्राइबल मंत्री से मुलाकात की है तो उनसे क्यों मिलूं, उसके पास तो फाइल भी नहीं आती, वह कैबिनेट में बैठती है क्या? उन्होंने कहा कि हमने 11 माह के कार्यकाल में कर्ज माफी, बिजली बिल हाफ, 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सहित कई अन्य वादे पूरे किए हैं, अब इतने कम समय में इससे ज्यादा क्या काम हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सूरजपुर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत केनापारा स्थित केनापारा पर्यटन स्थल में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत व उच्चशिक्षा मंत्री उमेश पटेल के साथ करीब 600 मीटर तक बोटिंग का आनंद लिया। उन्होंने जलाशय के मध्य में जिला प्रशासन द्वारा मत्स्य पालन हेतु विकसित केज कल्चर का अवलोकन किया।
साथ ही अधिकारियों से मछली पालन के केज कल्चर पद्धति के बारे में जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि केज कल्चर में यहां पंगेशियस प्रजाति के मछली का पालन किया जा रहा है। यहां 32 केज स्थापित किए गए हैं, अभी मछलियों का वजन अधिकतम 1 किलो है। मुख्यमंत्री ने मछली का अवलोकन करते हुए कहा कि पंगेशियस प्रजाति की इस मछली को छत्तीसगढ़ी में ‘टेंगना’ कहते है।
यह मछली पकडऩे पर कांटा वार करती है जिससे तेज दर्द होता है। उन्होंने अपने बचपन के दिनों की याद ताजा करते हुए कहा कि गांव के खेत एवं नालों में टेंगना, मुंगरी एवं केवच खूब पकड़ा करते थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मछली पालन करने वाले समूह को स्वरोजगार से जेाडऩे के लिए शासन की योजनाओं का पूरा लाभ दें।
उन्हें मछली पालन के लिए आवश्यक प्रशिक्षण देकर कुशल बनायें। इस अवसर पर विधायक प्रेमनगर एवं सरगुजा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष खेलसाय सिंह, भटगांव विधायक पारसनाथ राजवाड़े, कलक्टर दीपक सोनी, पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा, बिश्रामपुर के महाप्रबंधक खनन बीएन झा,
क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक जीएस राव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष विंध्येश्वरशरण सिंहदेव, सूरजपुर महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीप्ति स्वाईं, सुभाष गोयल, इस्माइल खान, नरेंद्र जैन, केके सिंह, बीके जायसवाल, बृजेश त्रिपाठी, चंदन सिंह, सज्जाद खान, रामलाल सोनी, नरसिंह नारायण, संदीप शर्मा, प्रभाकर स्वाईं, महताब आलम, आशीष यादव, राजेश शर्मा, धर्मेंद्र सिंह वि_ल सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
बोटिंग के दौरान सरगुजिहा व्यंजन का उठाया लुत्फ
मुख्यमंत्री ने बोटिंग के दौरान मंत्रियों सहित बोटिंग संचालन करने वाले शिव शक्ति ग्राम संगठन की महिला समूह द्वारा तैयार किये गये सरगुजिहा व्यंजनों का लुत्फ उठाया। इन व्यंजनों में रसोरा, पीठा रोटी, डुबकी, ठेकुवा, सूजी पुआ, चीला रोटी, लकरा चटनी सहित करीब पंद्रह व्यंजन शामिल थे।
गौारतलब है कि जलाशय में ग्राम केनापरा के शिव शक्ति ग्राम संगठन को बोटिंग एवं कैंटीन का संचालन कर रोजगार मिल रहा है। इस संगठन में 123 महिला सदस्य हैं जिनमें से 3 महिलाओं को बोट चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है। यहां महिलायें स्वयं बोट चलाकर पर्यटकों को जलाशय का भ्रमण कराती हैं।
मोबाइल क्लिनिक वैन को किया रवाना
मुख्यमंत्री केनापारा पर्यटन स्थल पर मुख्यमंत्री हाट-बाजार योजना के तहत साप्ताहिक हाट-बाजारों में जाकर ग्रामीणों का उपचार करने वाले चार मोबाइल क्लिनिक वैन का हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के तहत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में जिले के विभिन्न विकास खण्डों के साप्ताहिक हाट-बाजारों में मोबाइल क्लिनिक वैन निर्धारित रूट के अनुसार शिविर लगाकर ग्रामीणों का उपचार करेगें। मोबाइल वैन के साथ चिकित्सक, लैब टेक्निशियन सहित पूरी टीम मौजूद रहेगी।
केज कल्चर के ये फायदे
केनापारा में मछली पालन विभाग द्वारा केज कल्चर हेतु मार्च 2019 में कार्य प्रारंभ किया गया था। यहां 51 लाख 20 हजार की लागत से 32 नग केज, 2 लाख 1 हजार 36 रुपये की लागत से केज तक आने जाने के लिए रपटा, 16 लाख 85 हजार की लागत से स्टोर एवं स्टाफ रूम का निर्माण किया गया है।
जलाशय में केनापारा के महामाया मछुआ समिति को मत्स्य पालन रोजगार से जोड़ा गया है। प्रति केज 2 हजार किलोग्राम मत्स्य उत्पादन के मान से 10 से 12 माह में 32 केज में करीब 64 हजार किलोग्राम मत्स्य का उत्पादन होगा। कुल आय एवं व्यय के हिसाब से करीब 14 लाख शुद्ध लाभ अनुमानित है।
2500 रुपए धान खरीदकर अपराध नहीं कर रहे
सूरजपुर जिले के केनापारा में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अयोध्या पर सुप्रीप कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। साथ ही कहा कि फिलहाल परिस्थितियों के मद्देनजर 13 नवंबर को दिल्ली चलो कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। नई तारीख बाद में घोषित की जाएगी।
उन्होंने धान खरीदी के मुद्दे पर एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्र में मनमोहन सिंह के सरकार के समय पर बोनस दिया जाता था, फिर भाजपा सरकार आने के बाद 2014 में रोक लगाई गई, लेकिन 2017-18 में केंद्र सरकार ने नियमों को शिथिल करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को बोनस की अनुमति दी थी, फिर अभी रोक क्यों लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब हम अपने संसाधन से 2500 रुपए में धान खरीद रहे हैं तो केंद्र सरकार प्रदेश का चावल लेने से मना क्यों कर रही है, क्या हम 2500 रुपए में धान खरीदकर अपराध कर रहे हैं। हमारी केंद्र सरकार से सिर्फ यही मांग है कि छत्तीसगढ़ का चावल खरीदा जाए।
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