सिर्फ कांग्रेसी नेताओं की उपस्थिति में ही सत्याग्रह संपन्न हो गया। सत्याग्रह में सिर्फ कांग्रेस नेता ही नजर आए जो केंद्र की मोदी सरकार को कोसते हुए कृषि बिल (Farmers bill) को वापस लेने की मांग कर रहे थे।
कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि यह बिल किसानों के लिए काला कानून जैसा है। कांग्रेसी नेताओं ने अग्रसेन चौक के सामने किसान सत्याग्रह आयोजित किया। दो-तीन घंटे तक सत्याग्रह कर केंद्र सरकार के प्रति विरोध जताया गया।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार के 6 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी सरकार की कोई योजना आम जनता के हित में नही है। आम जनता दुखी व परेशान नजर आ रही है। किसानों की आय दोगुनी की बजाय कम होती जा रही है।
इस दौरान भगवती राजवाड़े, नरेश राजवाड़े, केके अग्रवाल, अश्विनी सिंह, सुनील अग्रवाल, रामकृष्ण ओझा, राजीव सिंह, मनोज डालमिया, विमलेश तिवारी, जफर हैदर, आशीष यादव, नरेंद्र यादव, दुर्गा शंकर दीक्षित, आनंद कुंवर, शिवभजन मरावी, कालीचरण अग्रवाल, राजेश शर्मा, सन्तोष सोनी, अनूप अग्रवाल,
प्रदीप साहू, प्रेमजीत सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, मो. इदरीश, मधु साहू, गैबीनाथ साहू, नरेन्द्र यादव, आकाश साहू, नैतिक अग्रवाल, अनुराग डालमिया, पुनीत गुप्ता, सन्तोष सारथी, हीरालाल राजवाड़े, नर्मदा तिवारी, राधामुनि सिंह, दिनेश राजवाड़े, सुनीता खाखा, संगीता राजवाड़े, पुष्पलता साहू, गजानंद जायसवाल,
नूर आलम, अफरोज अंसारी, कलकत्ता राजवाड़े, दीपक दीवान, अफरोज खान, शान्तु डोसी, तनवीर, शक्ति ठाकुर, परमेश्वर राजवाड़े, विजय, विन्देश, आशीष, गोलू, वीर व सद्दाम उपस्थित थे।
सस्ती लोकप्रियता के लिए सब कुछ
इधर दूसरी ओर भाजपा ने किसान सत्याग्रह (Kisan Satyagraha) के नाम पर बगैर किसानों के आंदोलन करने वाली कांग्रेस पर हमला बोला है। भाजपा के शहर मंडल अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने कहा कि सब कुछ सस्ती लोकप्रियता के लिए किया गया। कांग्रेस को किसानों की इतनी ही चिंता है तो चुनाव पूर्व किसानों को बोनस (Bonus for farmers) देने की जो बात कही गई थी उसे राज्य सरकार दे दी होती।
साथ ही किसानों की भूमि का गिरदावरी कर साजिश पूर्वक रकबा कम नहीं किया गया होता, रकबा कम करने से किसान आज धान बेचने परेशान है। उन्होंने कांग्रेसियों को सलाह दी कि किसानों की पूरी उपज धान खरीदी केंद्रों में खरीदा जाए। इस और कांग्रेस ध्यान दे न कि किसानों के नाम पर राजनीति रोटी सेकने का प्रयास करें।’