बलरामपुर जिले के चलगली निवासी 35 वर्षीय अलका मिंज पति स्व. अरुण मिंज प्रतापपुर मेहमानी में आई थी। उसकी तबियत बिगडऩे पर शुक्रवार को वह इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर पहुंची। लेकिन उसके पास ओपीडी में इलाज कराने के लिए रुपए नहीं थे।
महिला द्वारा काफी गिड़गिड़ाने के बावजूद स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों व कर्मचारियों ने उसकी एक न सुनी व इलाज नहीं किया। थक हार कर महिला रोती बिलखती राजघराना चौक तक पहुंची। यहां महिला को बिलखता देख लोगों की भीड़ लग गई। किसी ने मामले की सूचना पुलिस को दी।
इस पर थाना प्रभारी नीलिमा तिर्की ने महिला को पुलिस वाहन से अस्पताल भेजकर उसका इलाज कराया। वहीं नगरवासियों का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ द्वारा मरीजों से दुव्र्यवहार किया जाता है।
इसकी शिकायत बीएमो से कई बार की जा चुकी है। वहीं इस पूरे मामले पर थाना प्रभारी नीलिमा तिर्की ने कहा कि लोगों से सूचना मिलने पर मैंने पुलिस वाहन से महिला को इलाज के लिए अस्पताल भेजा, साथ ही उचित इलाज के लिए सख्त हिदायत भी दी है।
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की जाएगी सख्त कार्रवाईमामला काफी गंभीर है, ओपीडी में मौजूद स्टाफ ने ऐसा किया है। इस पूरे मामले की जानकारी लेकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आरएस सिंह, सीएमएचओ, सूरजपुर
इलाज किए बिना मरीज को लौटाना गलतड्यूटी में उस समय कौन-कौन था, इसकी जांच की जाएगी। बिना इलाज किए किसी मरीज को भेज देना गलत है। फिलहाल मरीज को भर्ती कर लिया गया है।
डॉ. एके विश्वकर्मा, बीएमओ, प्रतापपुर