इस बारे में वलसाड जिला अनुसूचित जाति समाज कल्याण विभाग के अधिकारी जीतू पटेल ने बताया कि 2017 तक इस योजना में 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती थी। बाद में इसे बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया गया। इसके तहत अप्रेल 2018 से मार्च 2019 के दौरान आठ आवेदन आए थे। इसमें छह को नकद सहायता दी गई। वर्ष 2016-17 में भी आठ दंपतियों ने आवेदन किया था। जिन्हें चार लाख की सहायता दी गई। इसी तरह वर्ष 2017-18 में पांच लोगों ने इस योजना के तहत विवाह के बाद आवेदन किया, जिन्हें ढाई लाख रुपए की सहायता दी गई।
जानकारी के अनुसार इस योजना का लाभ गुजरात के अनुसूचित जाति के युवक – युवतियों को मिल सकता है। विवाह के बंधन में बंधने वाला जीवनसाथी अन्य राज्य का होने पर उसके लिए पांच साल से गुजरात में निवास करने का नियम है। ऐसे लोगों को जरूरी दस्तावेज जमा करने पर उसकी जांच के बाद योजना का लाभ मिल सकता है।
उल्लेखनीय है कि जाति व्यवस्था की सामाजिक बुराई को खत्म करने और अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए केन्द्र सरकार भी राशि देती है। केन्द्र सरकार द्वारा डॉ. अम्बेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज के तहत यह आर्थिक मदद दी जाती है। इसमें अनुसूचित जाति की युवती से विवाह पर ढाई लाख रुपए दिए जाते हैं। इस योजना की शुरुआत 2013 में की गई थी।