अधिवक्ता और समाजसेवी प्रतिभा देसाई ने अठवा लाइंस क्षेत्र के विभिन्न कॉलेजों की छात्राओं को डूमस रोड के एक मल्टीप्लेक्स में ‘पैडमैन’ फिल्म दिखाई। यहां छात्राओं ने हाथों में पैड लेकर महिलाओं और युवतियों को जागरूक करने का प्रयास किया।
इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड टेक्नॉलोजी की छात्राओं ने इंस्टीट्यूट कैम्पस में पैडमैन चैलेंज कार्यक्रम का आयोजन किया। इंस्टीट्यूट की डिरेक्टर अंकिता गोयल ने बताया कि मॉल, मल्टीप्लेक्स, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे जैसी सार्वजनिक जगहों पर सरकार की ओर से नि:शुल्क सेनेटरी पैड मुहैया करवाने
चाहिए।
यह है सूरत की पैड विमैन
‘पैडमैन’ फिल्म के साथ अक्षय कुमार भले पैडमैन बनकर उभरे हैं, सूरत में 20 साल से एक महिला इस क्षेत्र में काम कर रही है। 63 वर्षीय मीना महेता ने 2006 में स्कूल की छात्राओं और गरीब युवतियों को नि:शुल्क सेनेटरी पैड पहुंचाने का अभियान शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 में सुनामी आने के बाद सुधा मूर्ति ने चार लाख सेनेटरी पैड पहुंचाए थे। इससे प्रभावित होकर उन्होंने सूरत में जानकारी हासिल की तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। उन्होंने पैड विमेन के तौर पर कार्य शुरू कर दिया। चार युवतियों को सेनेटरी पैड देने से शुरू हुए अभियान में आज मीना महेता हर महीने 5000 महिलाओं और स्कूल की छात्राओं को नि:शुल्क सेनेटरी पैड, पेंटी और शेम्पू की किट नि:शुक्ल पहुंचा रही हैं। इसमें उन्हें उनके पति अतुल महेता का भी सहयोग मिल रहा है।