अस्पताल में एक युवक को भी लाया गया था, जोकि लहूलुहान था। दरअसल उसका दायां पैर पंजे के ऊपर से कटकर अलग हो गया था। और पैर का वही कटा हुआ हिस्सा युवक के साथ वाले पालीथिन में लेकर आए थे। अस्पताल के डॉ ओजस मोदी ( प्लास्टिक सर्जन) ने उसका निरीक्षण कर बताया कि पैर को माइक्रोसर्जरी की मदद से जोड़ा जा सकता है।
मरीज को ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर आपरेशन की तैयारी शुरू की। कटे पैर के हिस्से को पूरी तरह साफ किया गया। डॉ ओजस मोदी ने हाई डेफिनेसन माइक्रोस्कोप द्वारा निरीक्षण कर लहू की नसों को अलग कर साफ किया और हड्डी को फिर से दाएं पैर के साथ जोड़ा।
उसके बाद सभी स्नायुओं तथा लहू की नसों को जोडक़र पैर में फिर से रक्त का संचार करने में सफल रहे। इस जटिल सर्जरी को डॉ ओजस मोदी ने आठ घंटे में पूरा किया। इस समय मरीज और उसके जोड़े गए पैर की हालत ठीक बताई गई है। मरीज और उसके परिजनों ने कटे हुए पैर को जोडऩे वाले डॉक्टर के हुनर की प्रशंसा की।