किसानों की रैली सूरत के पास नियोल गांव से शुरू हुई। इसमें पलसाणा, कोसंबा और कामरेज तहसील के किसान बड़ी संख्या में शामिल हुए। बुलेट ट्रेन नहीं चलने देने के नारे लिखे बैनरों के साथ निकली रैली के कलक्टर कार्यालय पहुंचने पर किसानों ने 14 मुद्दों पर ज्ञापन सौंपा।
सूरत जिले के 27 गांवों के 600 से अधिक किसान इस प्रोजेक्ट से प्रभावित हो रहे हैं। जमीन संपादन के लिए प्रशासन की ओर से उन्हें नोटिस दिया गया है। प्रभावितों का कहना है कि बुलेट ट्रेन का एक से अधिक राज्यों से गुजरना प्रस्तावित होने के बावजूद अधिसूचना एक जैसी नहीं है।
रिहेबिलिटेशन और रिसेटलमेंट की कार्रवाई ठीक से नहीं की गई। पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव का अध्ययन किए बिना ही अधिसूचना जारी कर दी गई। जमीन की कीमत और जमीन का कौन-सा हिस्सा संपादित किया जाना है, इसका कोई जिक्र नहीं किया गया है। किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।
रेलवे की बैठक में भी जताया था विरोध
मुंबई-अहमदाबाद हाइ स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट पर नेशनल हाइ स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लि. की ओर से पिछले महीने गांधी स्मृति भवन में बुलाई गई बैठक के दौरान भी किसानों ने जमकर विरोध जताया था। बैठक शुरू होने से पहले किसानों के नेता दर्शन नायक को पुलिस हिरासत में लेने पर मामला गरमा गया था।
उस बैठक में किसानों ने मुआवजे को लेकर विरोध जताया और बैठक को लेकर कई सवाल खड़े किए। बैठक में कलक्टर ने किसानों को नियम के अनुसार मुआवजा देने का आश्वासन दिया था। बैठक में किसानों को पूरे प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी गई।
किसानों की तरफ से सबसे ज्यादा सवाल मुआवजे को लेकर किए गए और नियम के अनुसार मुआवजा देने की मांग की गई। जंत्री के अनुसार मुआवजा देने पर जंत्री में बढ़ोतरी की मांग की गई। किसानों का कहना था कि बाजार भाव के अनुसार मुआवजा नहीं दिया जा सकता हो तो सर्वे करवाया जाए। किसानों ने बैठक में किसी तरह का सर्वे नहीं होने की शिकायत करते हुए बिना सर्वे जमीन संपादित करने का आरोप लगाया था।
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट
कुल लम्बाई ५०८.९० किमी
गुजरात ३४९.०३ किमी
महाराष्ट्र १५४.७६ किमी
दादरा नगर हवेली ४.३ किमी
स्टेशन १२ (८ गुजरात में)
एलिवेटेड कॉरिडोर ४८७ किमी
अंडरग्राउंड रूट २२ किमी
जमीन अधिग्रहण
गुजरात ६१२.१७ हैक्टेयर
महाराष्ट्र २४६.४२ हैक्टेयर
दादरा नगर हवेली ७.५२ हैक्टेयर