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सूरत

राज्य के 55,000 स्कूलों में सवा करोड़ से अधिक विद्यार्थियों को एक समान पाठ्यक्रम से दी जाएगी शिक्षा

राज्य शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला-शैक्षणिक सत्र 2020-21 से सभी कक्षाओं में होगी एक समान परीक्षा- प्राथमिक स्कूलों में डीपीइओ और माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्कूलों मे डीइओ पहुचाएंगे प्रश्नपत्र – जीएसइआरटी और शिक्षा बोर्ड करेंगे प्रश्नपत्र तैयार, नई व्यवस्था सुचारु रूप से चलाने के लिए किया जाएगा टास्क फोर्स का गठन

सूरतFeb 14, 2020 / 08:31 pm

Divyesh Kumar Sondarva

राज्य के 55,000 स्कूलों में सवा करोड़ से अधिक विद्यार्थियों को एक समान पाठ्यक्रम से दी जाएगी शिक्षा

राज्य के 55,000 स्कूलों में सवा करोड़ से अधिक विद्यार्थियों को एक समान पाठ्यक्रम से दी जाएगी शिक्षा

सूरत.

राज्य शिक्षा विभाग ने 20 अप्रैल से नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने के आदेश के बाद अब और एक बड़ा फैसला किया है। राज्य शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 से कक्षा 3 से लेकर 11वीं तक एक समान पाठ्यक्रम लागू कर विद्यार्थियों को शिक्षा देने का फैसला किया है। साथ ही राज्य के 55 हजार स्कूलों में पढऩे वाले सवा करोड़ विद्यार्थियों की परीक्षा भी एक समान लेने का तय किया गया है। जीएसइआरटी और शिक्षा बोर्ड को प्रश्नपत्र के साथ किताबें भी तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है। नई व्यवस्था सुचारु रूप से चले इसलिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।
राज्य में सरकारी, अनुदानित, स्वनिर्भर प्राथमिक-माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक को मिलाकर 55 हजार स्कूल हैं। इनमें करीब सवा करोड़ विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। राज्य शिक्षा विभाग ने इन सभी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 से एक समान पाठ्यक्रम और एक समान परीक्षा लेने का फैसला किया है। इसलिए शैक्षणिक सत्र 2020-21 में प्रथम और द्वितीय परीक्षा एक समान ली जाएगी।
जीएसइआरटी को प्राथमिक कक्षा 3 से लेकर 8 के विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम, पुस्तक और परीक्षा संबंधित जिम्मेदारी सौंपी गई है। जबकि माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं की परीक्षा संबंधित जिम्मेदारी शिक्षा बोर्ड को सौंपने में आई है। गुजराती माध्यम के साथ हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों के प्रश्नपत्र जीएसइआरटी और शिक्षा बोर्ड की ओर से ही तैयार किए जाएंगे। कक्षा 3 से लेकर 10 के विद्यार्थियों के गुजराती, हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के प्रश्नपत्र एक समान होंगे। कक्षा 11 और 12 विज्ञान वर्ग के गणित, अंग्रेजी,भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान के प्रश्नपत्र एक समान होंगे। सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के अंग्रेजी, एकाउन्ट, वाणिज्य, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, सांख्यिकी के प्रश्नपत्र एक समान होंगे। शिक्षा बोर्ड की ओर से तैयार किए गए प्रश्नपत्र प्राथमिक स्कूलों में पहुंचाने का जिम्मा डीपीइओ को सौंपा गया है, जबकि माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में प्रश्नपत्र पहुंचाने का जिम्मा डीइओ को सौंपा गया है।
विशेष टास्क फोर्स का होगा गठन
इस नई व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए शिक्षा विभाग ने टास्क फोर्स का गठन करने का तय किया है। इसमें स्वनिर्भर शाला संचालक मंडल के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा। किसी भी समस्या का निराकरण के लिए टास्क फोर्स से सलाह ली जाएगी।
थर्ड पार्टी मूल्यांकन किया जाएगा
विद्यार्थियों की प्रथम और द्वितीय परीक्षा का मूल्यांकन थर्ड पार्टी से करवाया जाएगा। सभी परीक्षाओं में विद्यार्थियों के गुण सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत तैयार कर वेब पोर्टल पर जमा करने होंगे। जिससे विद्यार्थियों के अंक बोर्ड के पास रहेंगे।
एक समान शिक्षा लागू करना उद्देश्य
राज्य की कक्षा 3 से लेकर 12 तक सभी विद्यार्थियों की शिक्षा और परीक्षा एक समान करने के उद्देश्य से इस नई प्रणाली को लागू करने का फैसला किया गया है। नए शैक्षणिक सत्र 2020-21 से इसे लागू करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
एसके पंचोली, सदस्य, गुजरात माध्यमिक बोर्ड

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