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सूरत

मनपा के सहायक इंजीनियर के यहां से 84 लाख की आय से अधिक संपत्ति का खुलासा

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इंजीनियर के खिलाफ किया मामलावर्ष 2016 में 25 हजार रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में हुए था गिरफ्तार

सूरतMar 12, 2020 / 02:31 pm

Sandip Kumar N Pateel

-कुशलगढ़ में रिश्वत लेते पकड़े गए बीडीओ और ग्राम विकास अधिकारी को जेल भेजा

-कुशलगढ़ में रिश्वत लेते पकड़े गए बीडीओ और ग्राम विकास अधिकारी को जेल भेजा

सूरत. महानगरपालिका के एक और कर्मचारी के यहां से लाखों रुपए की आय से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ है। वर्ष 2016 में 25 हजार रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए सहायक इंजीनियर राजेश पटेल के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से कई गई जांच में 84 लाख रुपए से अधिक की बेनामी संपत्ति मिली है। ब्यूरो ने राजेश पटेल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए है।

राजेश पटेल फिलहाल मनपा के कतारगाम जोन में सहायक इंजीनियर के तौर पर सेवारत है। वर्ष 2016 में रिश्वत लेने का आरोप लगने से वह विवादों में आए थे। उधर, राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पूर्व में रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए अधिकारी और कर्मचारियों की कुंडली जांचना शुरू किया है, तब सूरत मनपा के सहायक इंजीनियर राजेश पटेल के यहां आय से अधिक संपत्ति का खुलासा हो सकता है इस आशंका पर आला अधिकारियों ने अहमदाबाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों को इसकी जांच सौंपी थी। अधिकारियों की ओर से राजेश पटेल की आय के स्त्रोत, उसके तथा परिजनों के बैंक ्अकाउंट्स, संपत्ति आदी के दस्तावेंजों की जांच शुरू की गई थी और जांच के दौरान पटेल के यहां से 84,74,672 रुपए की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ है। ब्यूरो अधिकारियों के मुताबिक यह संपत्ति राजेश पटेल की अब तक की आधिकारी आय से 61.59 फीसदी अधिक है। जांच अधिकारी की ओर से राजेश पटेल के खिलाफ सूरत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मामला दर्ज करवाने के बाद अब जांच सूरत ब्यूरो के अधिकारियों ने संभाल ली है।
निर्माणकार्य को लेकर रिश्वत मांगने का है आरोप

सहायक इंजीनियर राजेश पटेल वर्ष 2016 में रांदेर जोन के टाउन प्लानिंग विभाग में नियुक्त था, तभी एक जमीन पर निर्माणकार्य को लेकर सकारात्मक अभिप्राय देने के लिए जमीन मालिक से 25 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। इसकी शिकायत मिलने पर ब्यूरो की टीम ने 15 फरवरी, 2016 को उसे 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया था। इस मामले की सुनवाई कोर्ट में लंबित है।

पहले दो इंजीनियरों के खिलाफ दर्ज हो चुका है मामला


तक्षशिला अग्निकांड मामले के बाद जहां क्राइम ब्रांच पुलिस ने हादसे को लेकर जांच शुरू की थी, वहीं आर्केड के अवैध निर्माण को मंजूरी देने को लेकर भ्रष्टाचार की आशंका को देखते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भी जांच शुरू की थी। जांच के दौरान अग्निकांड मामले में आरोपित इंजीनियर विनू परमार के यहां से एक करोड़ रुपए से अधिक की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ था। इसके बाद जूनियर इंजीनियर हरेराम सिंघ के यहां से भी 42 लाख रुपए से अधिक की बेनामी संपत्ति मिली थी। दोनों के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति का मामला ब्यूरो ने दर्ज कर लिया था।

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