ड्रम जलाने से भड़की चिंगारी ने आसपास के कबाड़ गोदामों को भी अपनी चपेट में ले लिया। आग से पांच गोदाम जलकर खाक हो गए, जिनमें कंपनियों से लाया गया कबाड़ रखा था। बताया गया कि सूचना पर दमकल की गाडिय़ां जब तक मौके पर पहुंचती, आग कई गोदामों को अपनी चपेट में ले चुकी थी। आग की भयावहता को देख वापी समेत आसपास के विस्तारों से भी दमकल की कई गाडिय़ां मौके पर पहुंची थी। प्लास्टिक के अलावा कई केमिकल पदार्थों के कारण आग को पूरी तरह बुझाने में दस से बारह घंटे का समय लगा। इस दौरान आसपास रहने वाले सैकड़ों लोगों में भय का आलम रहा।
जीपीसीबी से शिकायत जानकारों के अनुसार कोई भी कंपनी अपना स्क्रेप और अन्य बेकार सामान सीधे किसी को नहीं दे सकती। इसके लिए जीपीसीबी के नियमों का पालन करना जरूरी होता है। केमिकल कंपनियां भंगार वालों को बिना जांच पड़ताल के ही स्क्रेप देकर अपना ङ्क्षपड छुड़ा लेती हैं। इससे पहले भी केमिकल कंपनियों से लाए गए भंगार को जलाने या नष्ट करने के दौरान भयंकर हादसे हुए हैं। इस मामले को लेकर लोगों ने जीपीसीबी में शिकायत भी की है, लेकिन इस तरह की प्रवृत्ति पर प्रभावी रोक नहीं लग पाई है।
नहीं तो बड़ा होता हादसा सूचना मिलने पर घटना स्थल पर पुलिस भी पहुंच गई थी। दूसरी तरफ हादसे का कथित आरोपी हलीम भंगारिया वहां से भाग निकला। बताया गया है कि यदि समय रहते दमकलकर्मी न पहुंचते तो केमिकल के अन्य ड्रम भी फट जाते और हादसा की भयावहता बढ़ जाती। जानहानि न होने लोगों के साथ ही प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है।
ऐसे भड़की आग स्थानीय लोगों ने बताया कि हलीम भंगारिया स्क्रेप में केमिकल कंपनी से लाया गया ड्रम रात को जलाता है। रविवार मध्यरात्रि को भी वह ड्रम जला रहा था। रात करीब एक बजे के आसपास एक ड्रम विस्फोट के साथ फट गया। उससे निकली चिंगारी आसपास के भंगार गोदामों में जा गिरी और वहां रखे प्लास्टिक व अन्य ज्वलनशील पदार्थों के कारण आग भड़क गई।