New Motor vehicle Act : जाने सूरत में पहले दिन क्यां कुछ हुआ? एन.डी.चौधरी पर आरोप है कि सरथाणा थाने के पुलिस निरीक्षक पद पर रहते हुए उसे मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक गैरेज संचालक पुरानी लग्जरी बसों का नंबर नई बसों में लागकर सरकार को टैक्स का नुकसान पहुंचा रहा है। चौधरी ने अपने स्टाफ के तीन पुलिसकर्मियों के साथ गैरेज संचालक को उठा लिया और उसे तीन दिन थाने में अवैध तरीके से बंदी बना कर रखा। बाद में चारों ने गैरेज संचालक से मामला रफा-दफा करने के लिए 30.50 लाख रुपए वसूल कर उसे छोड़ दिया। मामला आला अधिकारियों तक पहुंचने पर जांच सौंपी गई। जांच में आरोप सही साबित पाए जाने पर पुलिस निरीक्षक चौधरी समेत चारों जनों के खिलाफ सरथाणा थाने में जबरन वसूली और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपी गई थी। मामला दर्ज होने के बाद अभियुक्त लंबे अरसे तक फरार रहे। बाद में उन्होंने कोर्ट के समक्ष समर्पण कर दिया था। सेशन कोर्ट से जमानत याचिका नामंजूर होने के बाद चौधरी ने उच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी। उच्च न्यायालय ने सोमवार को याचिका मंजूर करते हुए उसे सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।