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सूरत

GOOD NEWS: सूरत कपड़ा मंडी का यह मार्केट बिजली लेता नहीं देता है अब

-ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जश टैक्सटाइल मार्केट में लगा सोलर पावर प्लांट, प्रतिमाह 50 हजार से अधिक की बचत
 

सूरतJun 04, 2021 / 07:57 pm

Dinesh Bhardwaj

GOOD NEWS: सूरत कपड़ा मंडी का यह मार्केट बिजली लेता नहीं देता है अब

GOOD NEWS: सूरत कपड़ा मंडी का यह मार्केट बिजली लेता नहीं देता है अब

सूरत. एशिया की सबसे बड़ी सूरत कपड़ा मंडी में बिजली बचत की यह क्रोनोलॉजी व्यवस्थित तरीके से समझ ली जाए तो ना केवल साल का केवल 9 करोड़ से ज्यादा का बिजली खर्च बचेगा बल्कि सैकड़ों किलोवॉट बिजली का उपभोग राष्ट्र समृद्धि के अन्य क्षेत्र में ली जा सकेगी। इतना ही नहीं ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलने से पर्यावरण का संतुलन भी बढ़ेगा और यह प्रयोग सूरत कपड़ा मंडी के जश टैक्सटाइल मार्केट ने कर दिखाया है।
कोरोना काल की शुरुआत से पहले तक प्रतिमाह औसतन 65 हजार का बिजली बिल चुकाने वाला सूरत कपड़ा मंडी के जश टैक्सटाइल मार्केट ने सोलर पावर प्लांट के बूते देखते ही देखते बिजली बिल जीरो कर ना केवल 50 हजार रुपए प्रतिमाह की बचत शुरू कर दी बल्कि गत अप्रेल-मई के दौरान मार्केट में नाममात्र बिजली उपयोग से बचत सरप्लस हो गई और टोरंट पावर कंपनी का फिक्सड डिमांड चार्ज भी 15 हजार से घटकर साढ़े नौ हजार रुपए जितना ही रह गया। सूरत कपड़ा मंडी में छह सौ दुकानों वाले जश टैक्सटाइल मार्केट ने यह बिजली क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का करिश्मा सोलर पावर प्लांट से संभव कर दिखाया है। मार्केट सोसायटी ने टाटा कंपनी से 37 किलोवॉट का सोलर पावर प्लांट करीब साढ़े 14 लाख रुपए में 25 साल की गारंटी के साथ मार्केट के एक हिस्से की छत पर तीन-साढ़े तीन हजार वर्गफीट जगह पर लगवाया है और इसमें 94 सोलर प्लेट लगी है। यह कार्य पूर्ण करने में मार्केट सोसायटी के अध्यक्ष शांतिलाल डांगी, सचिव महेंद्रसिंह भायल, उपाध्यक्ष रोहित शर्मा, अशोक जीरावाला, राधे रुपचंदानी, देवेंद्र गांधी व सुरेश ठुम्मर समेत कार्यकारिणी ने कई दिनों तक मेहनत की और उसका परिणाम आज मार्केट को मिल रहा है।
-यूं बचा सकते हैं 9 करोड़ से ज्यादा

सूरत कपड़ा मंडी में जश टैक्सटाइल मार्केट के समान ही 500 से ज्यादा दुकानों वाले डेढ़ सौ टैक्सटाइल मार्केट भी बिजली के क्षेत्र में स्वयं को आत्मनिर्भर बनाकर सालाना 9 करोड़ से ज्यादा की राशि बचा सकते हैं। ऐसी बड़ी मार्केट्स रिंगरोड कपड़ा बाजार में 50 से ज्यादा, मोटी बेगमवाड़ी क्षेत्र में 30 से ज्यादा, श्रीसालासर मार्ग पर 40 से ज्यादा और सारोली कपड़ा बाजार क्षेत्र में 30 से ज्यादा है। इन सभी टैक्सटाइल मार्केट्स में सोलर पावर प्लांट लगते हैं तो मासिक 50 हजार के हिसाब से 75 लाख और सालाना 9 करोड़ की राशि बचाई जा सकती है। बड़ी मार्केट में सोलर पावर प्लांट की लागत ब्याज समेत मात्र तीन-चार वर्ष में फ्री भी हो जाती है।
-सब ठीक रहा तो दुकानों में भी लेंगे उपयोग

अभी यह शुरुआत है और सकारात्मक परिणाम भी मिलने लगे हैं। आगे सबकुछ ठीकठाक रहा तो मार्केट सोसायटी सभी दुकानों के बिजली उपभोग को भी सोलर पावर प्लांट आधारित कर सकती है। इसमें सभी का फायदा ही होगा।
महेंद्रसिंह भायल, सचिव, जश टैक्सटाइल मार्केट को-ऑपरेटिव सोसायटी।

-अकेले जश मार्केट में बिजली उपभोग

सूरत कपड़ा मंडी के जश टैक्सटाइल मार्केट की चार लिफ्ट, 3 बोरिंग पंप, कॉमन पैसेज की 350 लाइट्स, मार्केट बाउंड्री की 25 एलईडी लाइट्स, मार्केट सोसायटी ऑफिस, 180 सीसीटीवी कैमरे का कैमरा सिस्टम, मार्केट साइनबोर्ड और फायर सिस्टम में प्रतिदिन औसतन 170-180 यूनिट बिजली खर्च होता है। अब 37 केवी सोलर पावर प्लांट लग गया तो इससे प्रतिदिन औसतन 200 यूनिट बिजली उत्पादन होता है और इस तरह से रोजाना 20-30 यूनिट बिजली सरप्लस होती है। सोलर पावर प्लांट के बूते जश टैक्सटाइल मार्केट सूरत कपड़ा मंडी का प्रतिमाह 50 हजार और सालाना 6 लाख रुपए बचाने वाला पहला मार्केट बन रहा है।
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-सूर्य से सीधे प्राप्त सौर ऊर्जा

भारत सरकार बिजली उत्पादन के सीमित संसाधनों को ध्यान रख सौर ऊर्जा की तरफ अधिक ध्यान दे रही है। सौर ऊर्जा सूर्य से सीधे प्राप्त होने वाली ऊर्जा है और यह गर्मी में सुबह 7 से शाम 5 बजे तक व सर्दी-वर्षा में सुबह 8 से शाम 4 बजे तक सोलर पावर प्लांट के माध्यम से एकत्र होती है। सौर ऊर्जा पर्यावरण संतुलन के लिए सटीक है और इसके उपयोग बिजली उत्पादन के साथ-साथ अनाज को सुखाने, जल उष्मन, खाना पकाने, प्रशीतन, जल परिष्करण में भी होता है। फोटो वोल्टायिक प्रणाली से सूर्य के प्रकाश को विद्युत में रूपान्तरित कर दूरभाष, टेलीविजन, रेडियो आदि चलाए जातेे हैं तथा पंखे व जल-पम्प आदि भी चलाए जा रहे हैं।

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