मोगरावाड़ी में पान बेचने वाले एक व्यक्ति की कोरोना से गत दिनों मौत हो गई। बड़ा बेटा 12 वीं का छात्र था। पिता की मौते के बाद दो छोटी बहनों की जिम्मेदारी उसके सिर आ गई और उसे पान के गल्ले पर बैठना पड़ रहा है। स्कूल द्वारा फीस माफी का अनुरोध किया लेकिन संचालकों ने कोई रहम नहीं दिखाया। लडक़े की माता की दोनों किडनी भी फेल बताई जा रही है। ऐसे में इन बच्चों को कुछ नहीं सूझ रहा है।
वहीं धरमपुर रोड पर रहने वाले दंपती की मौत हो जाने के कारण दो लडक़ी एवं एक लडक़ा अनाथ हो गए। अभी उनके रिश्तेदार साथ हैं लेकिन भविष्य को लेकर सभी चिंतित हैं। जिले में कई परिवार हैं, जिनमें कमाने वाले सदस्य की मौत हो गई, उनकी स्थिति दयनीय हो गई है। जिला प्रशासन अब तक इन्हें कोई मदद नहीं कर पाया है। बच्चों को स्कूल में फ्री पढ़ाई से लेकर अन्य सहायता की मांग लोग कर रहे हैं।
कई लोगों ने लाखों रुपए कर्ज लेकर भी इलाज करवाया लेकिन उनकी जान नहीं बच पाई। कमाने वाला सदस्य चला गया, और कर्ज हो गया। ऐसे लोगों की स्थिति ज्यादा खराब है। आने वाला समय उनके लिए कठिन होना तय है। ऐसे परिवारों के लिए सरकार के अलावा स्वयंसेवी संस्थाओं को भी आगे आने की जरूरत बताई जा रही है।