केन्द्र सरकार को शक है कि सूरत में नीरव मोदी की कई संपत्तियां हैं, जो उसने दूसरों के नाम से खरीद रखी हैं, जिनकी जानकारी एजेंसियों के पास नहीं है। ऐसी संपत्तियां ढूंढने के लिए सरकार ने आयकर विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है। पिछले दिनों सीबीआई और ईडी ने नीरव मोदी की सेज की पांच यूनिट में छापा मारा था और करीब 1300 करोड़ रुपए की ज्वैलरी जब्त की थी।
इस यूनिट की जमीन और संपत्ति किसके नाम पर है, इन पर कोई लोन है या नहीं अथवा किसी से किराए पर ले रखी हैं, इन सबकी जानकारी जुटाने के लिए केन्द्र सरकार ने निर्देश दिए हैं। सूरत में नीरव मोदी ने कई फ्लैट अन्य लोगों के नाम से खरीद रखे हैं, ऐसी जानकारी भी मिली है। आयकर विभाग इसका ब्योरा भी जुटा रहा है। आयकर विभाग ने रजिस्ट्रार कार्यालय और महानगर पालिका को पत्र लिखकर नीरव मोदी के नाम वाली संपत्तियां बताने को कहा है।
बताया जा रहा है कि कि नीरव मोदी ने एक संपत्ति के नाम पर कई बैंकों और प्राइवेट फायनेंसरो से लोन लिया है। ऐसे में उसकी संपत्तियां पहले से बैंकों में मोर्गेज हैं। इसलिए केन्द्र सरकार को नीरव मोदी की संपत्तियां मिल पाना मुश्किल लग रहा है।
मेहुल चोकसी की यूनिट में चार महीने से बंद था काम
आयकर विभाग ने बुधवार से मेहुल चोकसी की महिधरपुरा की यूनिट में जांच शुरू की थी, जो शुक्रवार को पूरी हो गई। जांच में विभाग को यहां से दस्तावेज मिले हैं। प्राथमिक जांच में खुलासा हुआ है कि यहां पिछले चार महीने से कुछ भी इम्पोर्ट या एक्सपोर्ट नहीं हुआ है।
पंजाब नेशनल बैंक के साथ 11,400 करोड़ रुपए के महाघोटाले में नीरव मोदी के साथ मेहुल चोकसी की यूनिट पर भी जांच एजेंसियों ने कार्रवाई शुरू की है। देशभर में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के शोरूम, कार्यालयों और यूनिटों पर छापा मारा जा रहा है।
पिछले सप्ताह से नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की सूरत सेज की यूनिटों और अन्य स्थानों पर भी जांच की जा रही है। मुंबई आयकर विभाग की डीआई विंग ने बुधवार से चोकसी की महिधरपुरा की यूनिट पर छापा मारा और एक बोरी भरकर आयात-निर्यात के दस्तावेज जब्त किए। दो दिन तक यहां कोई कर्मचारी नहीं होने के कारण जांच बंद थी। बाद में आयकर अधिकारी एक कर्मचारी को ढूंढकर लाए। आयकर अधिकारियों का कहना है कि चोकसी ने किसी कारण से यहां चार महीने पहले ही कामकाज बंद कर दिया था। अक्टूबर के बाद यहां इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट बंद था। विभाग इसे गंभीरता से ले रहा है।