सूरत. दुष्यंत कुमार ने कहा था- ‘सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं/ मेरी कोशिश है कि यह सूरत बदलनी चाहिए’, लेकिन सूरत के कांग्रेसियों ने मंगलवार को जो हुड़दंग किया, वह ‘सूरत बदलने’ के लिए कम और ‘सिर्फ हंगामा खड़ा करने’ के लिए ज्यादा था। मनपा के इतिहास में मंगलवार का दिन काले अध्याय के रूप मेंं दर्ज हो गया। हुड़दंगी कांग्रेस पार्षदों ने जनता के नाम पर जमकर हंगामा किया और मनपा की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। स्थाई समिति अध्यक्ष राजेश देसाई की पहल पर मामला किसी तरह शांत हुआ और मनपा के बजट पर चर्चा शुरू हो सकी।
मनपा आयुक्त एम. थेन्नारसन ने 30 जनवरी को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 5378 करोड़ रुपए का ड्राफ्ट बजट पेश करते हुए संपत्ति कर और यूजर चार्जेज में वृद्धि का प्रस्ताव दिया था। आयुक्त ने साफ किया था कि कर वृद्धि से होने वाली आय से राजस्व घाटे को पाटने की कोशिश की जाएगी। कांग्रेस ने पहले ही दिन से इस वृद्धि का विरोध किया और आयुक्त को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा। उसके बाद कांग्रेस ने कर वृद्धि के खिलाफ वराछा में हस्ताक्षर अभियान चलाया और सर्किट हाउस के समीप लोगों को गुलाब का फूल भेंट कर बजट में कर वृद्धि प्रस्ताव का गांधीगीरी से विरोध किया।
बजट प्रस्ताव पर चर्चा के लिए जब मंगलवार को स्थाई समिति की बैठक शुरू हुई, कांग्रेस पार्षदों ने इस गांधीगीरी को ताक पर रखते हुए जमकर हंगामा किया। सुबह करीब साढ़े दस बजे भीतर बजट पर चर्चा चल रही थी और सभाखंड के बाहर कांग्रेस पार्षद हंगामा बरपा रहे थे। देखते ही देखते राजनीतिक मर्यादा ताक पर रखकर कांग्रेस पार्षदों ने बाहर लगी जाली को धकेलना शुरू कर दिया। लगातार हमले झेलने के बाद यह जाली गिर गई और पार्षदों का रेला सभाखंड में घुस कर हंगामा करने लगा।
समिति अध्यक्ष ने संभाली व्यवस्था जाली तोड़कर सभाखंड में घुसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संभालने के लिए समिति अध्यक्ष राजेश देसाई ने पहल की। देसाई सभाखंड से बाहर आए और पार्षदों से संवाद कर उनकी बात सुनी। उन्होंने कहा कि मनपा प्रशासन की ओर से बजट में कर वृद्धि का प्रस्ताव आया है, जिस पर अभी चर्चा होनी है। थोड़ा धैर्य रखने की जरूरत है और जनता के साथ ही शहर के हित में जो जरूरी होगा, समिति फैसला करेगी। उग्र कांग्रेस पार्षदों ने देसाई को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कर वृद्धि वापस नहीं ली गई तो समिति पदाधिकारियों के घर के बाहर भी प्रदर्शन किया जाएगा।
काछडिय़ा बेहोश, सिविल में भर्ती हंगामे के दौरान पार्षद दिनेश काछडिय़ा ब्लड प्रेशर बढऩे से बेहोश हो गए। सूचना पर पहुंची 108 ने उन्हें सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां उनकी हालत में सुधार बताया जा रहा है।
18 पार्षदों को किया डिटेन सूरत महानगर पालिका में मंगलवार को हंगामा मचाने के मामले में लालगेट पुलिस ने 18 पार्षदों को डिटेन किया। थाना प्रभारी डी.के. पटेल ने बताया कि दोपहर करीब सवा बारह बजे उन्हें हिरासत में लिया गया। ढाई बजे सभी को रिहा कर दिया गया। इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है और न ही मनपा प्रशासन से कोई शिकायत मिली है।
भंग हुई मर्यादा कांग्रेस के उग्र प्रदर्शन से मनपा में स्थाई समिति की मर्यादा भंग हो गई। यह पहला मौका था, जब बजट प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विरोधी पार्षदों ने सभाखंड में प्रवेश कर इस तरह हंगामा किया। व्यवस्था यह है कि बजट पर चर्चा के दौरान स्थाई समिति सदस्य, मनपा आयुक्त और संबंधित विभागीय अधिकारी ही सभाखंड में मौजूद रहते हैं। कांग्रेस की अगांधीगीरी ने इस व्यवस्था को तार-तार कर दिया। कांग्रेस पार्षदों ने सभाखंड में पहुंचकर समिति सदस्यों से भी अभद्रता की और मोबाइल से वीडियो तथा फोटो लेने की कोशिश की। समिति अध्यक्ष और मनपा आयुक्त के दखल के बाद किसी तरह एक बार मामला शांत हुआ। अचानक कांग्रेस के कुछ पार्षदों के सभाखंड में दोबारा हंगामा करने से विवाद की हालत बनी तो कांग्रेस पार्षद बाहर धरने पर बैठ गए और सत्ता पक्ष के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच मौके पर पहुंची पुलिस ने धरने पर बैठे और हंगामा कर रहे पार्षदों को हिरासत में ले लिया तथा थाने ले गई। बाद में सभी को छोड़ दिया गया।
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