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सूरत

Real Estate NEWS: जानिए नवसारी का रियल एस्टेट क्यों फंसा मंदी में

चार वर्ष बाद भी नुडा का खाका तैयार नहीं होने से विकास थमानोटबंदी, जीएसटी और गुजरेरा एक्ट के कारण नवसारी में हजारों फ्लैट बिना बिक्री के पड़े

सूरतJul 20, 2019 / 06:12 pm

Sunil Mishra

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Real Estate NEWS: जानिए नवसारी का रियल एस्टेट क्यों फंसा मंदी में

नवसारी. नवसारी के विकास को गति देने के लिए चार साल पहले नवसारी शहरी विकास सत्ता मंडल (नुडा) का गठन किया गया था। इसके पीछे नवसारी को सूरत का ट्वीन सिटी बनाने की चर्चा थी। नुड़ा का गठन कर नवसारी और विजलपोर शहर के साथ दोनों तहसीलों के 98 गांवों को नवसारी शहरी सत्ता मंडल में समावेश किया गया था। नुडा की घोषणा कर नियमानुसार छह विभागों को विभाजित कर तत्कालीन कलक्टर रविकुमार अरोड़ा ने महीने के अंदर ही विकास नक्शा तैयार कर मंजूरी के लिए राज्य के शहरी विकास मंत्रालय में भेजा था। वहीं, इस बीच नुड़ा में शामिल गांव के लोगों ने उग्र विरोध किया। नवसारी और जलालपोर के विधायकों ने भी गांवों को इसमें से निकालने की मांग की। इसके कारण नुड़ा में से 81 गांव बाहर कर दिए गए। आज सिर्फ नवसारी के ४ और विजलपोर शहर से सटे 17 गांव ही इसमें हैं। 81 गांव के बाहर हो जाने पर नुडा का विकास नक्शा भी बेकार हो गया, लेकिन सरकार से उसे रद्द करने का आदेश डीपीआर भेजने के ढाई वर्ष बाद नवसारी सत्ता मंडल को मिला। ढाई वर्ष तक नुडा का कोई काम नहीं हुआ। नुडा का खाका तैयार न होने से नवसारी शहर एवं विजलपोर शहर समेत बचे गांव में निर्माण की मंजूरी न मिलने से बिल्डरों की परेशानी बढ़ गई। हालांकि नवसारी नगर पालिका और बिल्डरों के अनुरोध पर नवसारी शहर में नए निर्माण की मंजूरी की सत्ता नपा को दी गई। परंतु शहर से सटे 17 गांव में मंजूरी अटक गई। क्योंकि नुडा का विकास नक्शा नहीं होने से जमीन एनए नहीं हो रही है। इस वजह से बिल्डर नया प्रोजेक्ट शुरू नहीं कर पा रहे हैं। नोटबंदी, जीएसटी और गुजरेरा एक्ट के कारण भी नवसारी में हजारों फ्लैट बिना बिक्री के पड़े हैं। बंगला और रो हाउस के भी खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इसके कारण नवसारी और आसपास के करीब सौ करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी नहीं बिकने से रियल एस्टेट उद्योग मंदी की मार झेल रहा है।
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नुडा को रद्द करने की मांग
नुडा में बाकी बचे 17 गांवों के लोगों ने भी नुडा को रद्द करने की मांग की है। इन गांव के सरपंचों ने भी नुडा प्रशासन समेत कलक्टर और स्थानीय विधायकों को विरोध से अवगत करा दिया है, लेकिन अभी इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
दूसरी तरफ मंदी की मार से परेशान बिल्डरों, आर्किटेक्ट व इंजीनियरों के अलावा करीब 25 हजार मजदूर भी रोजगार से दूर हो रहे हैं। गत सोमवार को नवसारी बिल्डर एसोसिएशन ने रैली निकालकर कलक्टर से नुडा को रद्द करने या इसकी हद बढ़ाने की मांग की थी। इस बारे में जल्द निर्णय न लेने पर अनशन की चेतावनी भी दी थी।
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फ्लैट को खरीदार नहीं मिल रहे

चार साल से नुडा का अमल न होने से हजारों फ्लैट और कई प्रोजेक्ट को खरीदार नहीं मिल रहे हैं। शासन और स्थानीय नेताओं को इसे गंभीरता से लेकर नुडा को रद्द करना चाहिए, ताकि नवसारी मे एफोर्डेबल प्रोजेक्ट शुरू हों और मंदी से उद्योग बच सकें।
संजय भगत बिल्डर, नवसारी
नुडा का विकास नक्शा तैयार न होने से जमीन एनए नहीं हो रही है। चार साल से नया प्रोजेक्ट शुरू न होने से करीब सौ करोड़ की प्रॉपर्टी को खरीदार नहीं मिले हैं। राज्य सरकार और नुडा प्रशासन को इसका समाधान लाना चाहिए। नहीं तो किसानों की तरह बिल्डरों को भी आत्महत्या करनी पड़ेगी।
देवु मेहता, बिल्डर व आर्किटेक्ट, नवसारी
तीन चार बार प्रशासन को ज्ञापन देकर गांव को नुडा से बाहर निकालने की मांग की। इसके कारण सामान्य मकान बनाने के लिए भी मंजूरी जल्दी नहीं मिलती है। लोग हमसे जवाब मांगते हैं। इसके कारण बैंक लोन में भी समस्या आ रही है। हमारे अलावा नुडा में बाकी बचे 17 गांव भी इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
हसमुति पटेल, सरपंच छापरा गांव
नुडा के कारण विकास नक्शा नहीं बन पाया है, जिससे जमीन एनए नहीं हो रही है। पूरा प्रयास है कि इसका अमल हो सके। बिल्डरों ने भी ज्ञापन दिया है जिसे सरकार को भेजा गया है और समस्या का समाधान लाने का प्रयास कर रहे हैं।
कमलेश राठौड़, अधिक कलक्टर, नवसारी

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