शनिवार से सक्रीय मानसून सक्रिय के दौरान धूप-छांव के बीच बारिश का खेल चालू है। दिन में बादल हल्के-हल्के बरसे। बारिश के कारण नदी नालों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। रखोली, कराड़ होते हुए अथाल में दमण गंगा पूरजोर बहने लगी है। खानवेल विस्तार के कौंचा, दुधनी, खेरड़बारी, बिलदरी, अंबाबारी, रूदाना, शेल्टी, गोरातपाड, वेलुगाम, डोलारा में जमकर वर्षा हुई, जिससे खेतों में पानी भर गया। शाम तक 28 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। किसानो की मान्यता है कि मानसून में रक्षाबंधन तक अच्छी वर्षा होती है। भाद्रपद माह में मानसून की कोई गारंटी नहीं रहती है। इस बार बारिश के कारण खरीफ की फसलों को फायदा हुआ है। खेतों में फसलों के साथ पशुओं की घास भी हरी हो गई है। मानसून की बौछारों से खेतों की छंटा रंग बिखेर रही है। खेतों में लहलहाती फसलों को देख किसान प्रसन्न नजर आ रहे हैं।
दपाड़ा, नरोली, रांधा, किलवणी, आंबोली, सुरंगी अंचल में धान की अच्छी खेती है। धान की अगेती फसलों में बालियां निकल रही हैं। इस मानसून में शहर में बारिश का आंकड़ा 2317 एमएम पार कर गया है। यह ग्राफ औसत बारिश के नजदीक हैं। प्रदेश में औसत बारिश 2550 एमएम होती है। हालांकि जुलाई की अपेक्षा अगस्त में बारिश कम हुई। अगस्त के अंतिम सप्ताह में सिर्फ 10 एमएम पानी बरसा। मानसून कमजोर पडऩे से 30 अगस्त से डेम अधिकारियों ने सभी दरवाजे बंद कर दिए हैं। वर्तमान में पहाडिय़ों के झरनों से डेम में 4414 क्यूसेक की दर से पानी संग्रह हो रहा है। डेम का जलस्तर 76.5 मीटर पार कर गया है। मानसून सक्रिय होने से दूरवर्ती रूदाना, खानवेल, दूधनी, मांदोनी, सिंदोनी के झरने बहने लगे हैं।