सूरत महानगर पालिका में किया हंगामा सूरत महानगर पालिका में बजट का दिन काले अध्याय के रूप मेंं दर्ज हो गया। हुड़दंगी कांग्रेस पार्षदों ने जनता के नाम पर जमकर हंगामा किया और मनपा की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। मनपा आयुक्त एम. थेन्नारसन ने 30 जनवरी को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 5378 करोड़ रुपए का ड्राफ्ट बजट पेश करते हुए संपत्ति कर और यूजर चार्जेज में वृद्धि का प्रस्ताव दिया था। आयुक्त ने साफ किया था कि कर वृद्धि से होने वाली आय से राजस्व घाटे को पाटने की कोशिश की जाएगी। कांग्रेस ने पहले ही दिन से इस वृद्धि का विरोध किया और आयुक्त को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा। उसके बाद कांग्रेस ने कर वृद्धि के खिलाफ अभियान चलाया और वृद्धि प्रस्ताव का विरोध किया। बजट प्रस्ताव पर चर्चा के लिए जब सूरत महानगर पालिका में स्थाई समिति की बैठक शुरू हुई, कांग्रेस पार्षदों ने गांधीगीरी को ताक पर रखते हुए जमकर हंगामा किया। बजट पर चर्चा चल रही थी और सभाखंड के बाहर कांग्रेस पार्षद हंगामा बरपा रहे थे। देखते ही देखते राजनीतिक मर्यादा ताक पर रखकर कांग्रेस पार्षदों ने बाहर लगी जाली को धकेलना शुरू कर दिया। लगातार हमले झेलने के बाद यह जाली गिर गई और पार्षदों का रेला सभाखंड में घुस कर हंगामा करने लगा। कांग्रेस के उग्र प्रदर्शन से मनपा में स्थाई समिति की मर्यादा भंग हो गई। कांग्रेस पार्षदों ने सभाखंड में पहुंचकर समिति सदस्यों से भी अभद्रता की और मोबाइल से वीडियो तथा फोटो लेने की कोशिश की। कांग्रेस पार्षद बाहर धरने पर बैठ गए और सत्ता पक्ष के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच मौके पर पहुंची पुलिस ने धरने पर बैठे और हंगामा कर रहे पार्षदों को हिरासत में ले लिया तथा थाने ले गई। उग्र कांग्रेस पार्षदों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कर वृद्धि वापस नहीं ली गई तो समिति पदाधिकारियों के घर के बाहर भी प्रदर्शन किया जाएगा। सूरत महानगर पालिका में हंगामा मचाने के मामले में सूरत लालगेट पुलिस ने 18 पार्षदों को डिटेन किया है।
प्रशासनिक भवन में जाली तोड़कर अंदर प्रवेश की कोशिश एनएसयूआई काफी समय से लॉ संकाय की परीक्षा के नियमों में बदलाव की मांग कर रहा है। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने बुधवार को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में हंगामा मचाना शुरू कर दिया। वह सिंडीकेट की बैठक में प्रवेश करना चाहते थे। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उनके साथ गरमागरमी हो गई। सुरक्षाकर्मियों ने प्रशासनिक भवन की जाली पर ताला लगा दिया। आक्रोशित कार्यकर्ता जाली पर चढ़ गए और उसे तोडऩे का प्रयास किया। इसको लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति और एनएसयू्आई के कार्यकर्ताओं के बीच बहस भी हुई।