सूरत पेरेन्ट्स एसोसिएशन ने गांधी स्मृति में शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ासमा के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया था। इसमें सूरत जिले के कई विधायक और स्कूल के संचालक भी उपस्थित थे। इसके अलावा विभिन्न स्कूलों के बड़ी संख्या में अभिभावक भी पहुंचे थे। वे फीस से जुड़ी समस्या का समाधान चाहते थे। कार्यक्रम में संचालक मंडल की ओर से दिनकर नायक ने जैसे ही बोलना शुरू किया अभिभावकों ने विरोध करना शुरू कर दिया। अभिभावकों ने कहा कि कार्यक्रम उनका है तो बात उनकी होनी चाहिए न कि संचालकों की। मामला गंभीर रूप धारण ना कर ले, उससे पहले ही शिक्षामंत्री ने मंच संभाल लिया। शिक्षामंत्री ने अपने संबोधन में सरकार और भाजपा की ओर से अभिभावकों के लिए उठाए गए कदमों की बात रखी। इसके बाद अभिभावकों ने अपनी बात रखने का प्रयास किया, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। देखते-देखते हंगामा बढ़ता गया। सभी अभिभावक अपने-अपने प्रश्न का उत्तर चाहते थे, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। मामला गंभीर रूप धारण करे, उससे पहले कार्यक्रम के संचालकों ने राष्ट्रगान शुरू करवा दिया। इस कारण सम्मान में सभी सावधान मुद्रा में शांत खड़े हो गए।
स्कूल की शिकायत पर ध्यान नहीं
उधना निवासी अभिभावक मनोज चांगला ने मंच के पास जाकर एफआरसी के कार्य पर प्रश्न उठाया। मनोज ने स्कूलों पर गलत एफिडेविट जमा करने का आरोप लगाया। साथ ही शिक्षामंत्री से अपनी बात सुनने का आग्रह किया, लेकिन उनकी बात को नहीं सुना गया। अन्य अभिभावकों ने भी मनोज का समर्थन किया। विवाद बढ़ता देख आयोजकों ने राष्ट्रगान गाना शुरू कर दिया। इसके बाद शिक्षामंत्री और विधायक रवाना हो गए। मनोज ने आरोप लगाया कि अभिभावकों के साथ शिक्षा संवाद का कार्यक्रम एकतरफा रहा है, उनकी बात को सुना नहीं गया है। कमोबेश यही बात अधिकांश अभिभावकों ने कही। उनका कहना था कि उन्हें अपनी बात रखने का अवसर दिया ही नहीं गया। कार्यक्रम में फीस और स्कूल की शिकायत लेकर आई लता श्याम और नीतू जैन ने कहा कि वे यहां अपनी बात को रखने आई थीं, लेकिन यहां तो मात्र सरकार की प्रशंसा ही की गई। किसी भी अभिभावक को सुना नहीं गया।
पहले धकेला, बाद में सुनी छात्रा की शिकायत
एक निजी स्कूल की छात्रा शिक्षा मंत्री के समक्ष अपनी शिकायत लेकर पहुंच गई। लेकिन उसकी शिकायत को नहीं सुना गया। विधायकों ने उसे दूसरी ओर धकेल दिया। अभिभावकों का आक्रोश बढ़ता दिखा तो विधायकों ने छात्रा की बात सुनी और उसे मिलने को कहा। साथ ही उसकी शिकायत का समाधान करने का आश्वासन भी दिया।