scriptमूर्तिकारों ने भरे प्रतिमाओं में रंग, सादगी से मनेगा पर्व | Sculptors filled the idols with color, a festival celebrated with simp | Patrika News
सूरत

मूर्तिकारों ने भरे प्रतिमाओं में रंग, सादगी से मनेगा पर्व

भाद्रपद कृष्ण अष्टमी के अवसर पर बुधवार को शहर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा हालांकि, कई लोग मंगलवार को भी पर्व मनाएंगे

सूरतAug 08, 2020 / 08:53 pm

Dinesh Bhardwaj

मूर्तिकारों ने भरे प्रतिमाओं में रंग, सादगी से मनेगा पर्व

मूर्तिकारों ने भरे प्रतिमाओं में रंग, सादगी से मनेगा पर्व

सूरत. वसुदेव व देवकी सुत और नंदबाबा व माता यशोदा के लाडले-दुलारे कन्हैया के जन्माष्टमी पर्व की तैयारियां शहर में चल रही है और मूर्तिकारों के पंडाल भगवान श्रीकृष्ण की आकर्षक प्रतिमाओं से सज गए हैं। भाद्रपद कृष्ण अष्टमी के अवसर पर बुधवार को शहर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा हालांकि, कई लोग मंगलवार को भी पर्व मनाएंगे।
कोरोना से उपजे संकट की वजह से भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव भी इस बार अन्य त्योहार-उत्सव के समान कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत सादगी के साथ मनाया जाएगा। गत वर्षों के समान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर शहरभर में आयोजित होने वाले दही-हांडी उत्सव, मंदिरों में साज-सजावट व विशेष कार्यक्रमों के आयोजन इस बार नहीं किए जाएंगे। इन सबके बावजूद जन्माष्टमी पर्व घर-घर में मनाए जाने की तैयारियां अवश्य चल रही है और इस मौके पर शहर के विभिन्न इलाकों में मूर्तिकारों ने घरों में स्थापित की जाने वाली श्रीकृष्ण प्रतिमाएं भी तैयार कर पंडाल में सजा ली है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर सूरत समेत आसपास में घर-पंडाल में प्रतिमा स्थापना की परम्परा है और उसके अनुरूप मूर्तिकारों ने कन्हैया की एक से दो फीट तक की सैकड़ों प्रतिमाएं तैयार कर ली है।
उधर, भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 11 अगस्त मंगलवार को सुबह 9 बजकर 7 मिनट से प्रारम्भ हो जाएगी और 12 अगस्त को सुबह 11 बजकर 12 मिनट तक रहेगी। ऐसी स्थिति में उदिया तिथि 12 अगस्त को ही मानी जाएगी। ज्यादातर श्रद्धालु उदिया तिथि के मुताबिक उत्सव-त्योहार मनाते हैं, ऐसी स्थिति में 12 अगस्त को ही अधिकतर लोग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाएंगे।

साधु-सन्यासी एक दिन पहले


भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि मंगलवार से प्रारम्भ होगी और साधु-सन्यासी व उनके अनुयायी जन्माष्टमी पर्व इसी दिन मना लेंगे। वहीं, उदिया तिथि से वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी 12 अगस्त को मनाएंगे। रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत भी 12 अगस्त की मध्यरात्रि के बाद से होगी।
स्वामी विजयानंद महाराज, महंत, श्रीदक्षिणाभिमुखी शनि-हनुमान मंदिर, आश्रम।
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