शहर में बढ़ती ट्रैफिक समस्या और शहरवासियों को मास ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा मिल सके इसलिए मनपा ने वर्ष 2013-14 में बीआरटीएस सेवा शुरू की थी। इसके बाद वर्ष 2016 से सिटी बस सेवा भी शुरू की गई। वहीं सिटी क्षेत्र के बाहर कामरेज और सचिन तक मनपा बसे चलाती है। मनपा की सिटी बस सेवा का बड़ी संख्या में शहरवासी लाभ ले रहे हैं तो केन्द्र सरकार ने भी बस सेवा की प्रशंसा करते हुए कई अवार्ड दिए हैं। हालांकि जनता के लिए आशीर्वाद समान बस सेवा मनपा के लिए घाटे की सेवा साबित हो रही है। आठ सालों में ही मनपा को सिटी बस सेवा के संचालन में 460 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। मनाप के मुताबिक आठ सालों में मनपा सिटी बस सेवा पर 702.33 करोड़ रुपए खर्च चुकी है,जबकि उसके सामने सिर्फ 204.69 करोड़ रुपए की आय हुई है। हालांकि जनता की सुविधा के लिए मनपा एफएसआई समेत अन्य आय को बस सेवा के लिए शिफ्ट कर सेवा को ना सिर्फ चला रही है, लेकिन उसे आगे भी बढ़ा रही है।
800 बसों को हो रहा संचालन, अब इलेक्ट्रीक बसों को चलाने की योजना
मनपा शहरवासियों को मास ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा मिले इसलिए फिलहाल 13 रूट पर बीआरटीएस 263 बसें और 45 रूटों पर 550 सिटी बसे चला रही है। फिलहाल कोरोना महामारी के कारण सिटी बसों को 50 फीसदी की क्षमता के साथ चलाया जा रहा है और प्रतिदिन 2.50 लाख लोग बसों में सफर कर रहे हैं। मनपा ने ई-बसें भी शुरू की गई है और भविष्य में ई-बसों की संख्या बढ़ाने की दिशा में कवायद की रही है ।
कोरोना के पांच महीने बंद रही सेवा
आठ सालों में ऐसा पहला समय था कि लगातार पांच महीने तक बस सेवा बंद रही । वह समय था कोरोना की पहली लहर का। मार्च से लेकर अगस्त महीने तक बीआरटीएस और सिटी बस सेवा को बंद कर दिया गया था, इसी कारण वर्ष 2020-21 में सबसे कम 1.48 करोड लोगों ने ही बसों में सफर किया। जबकि कोरोना से पहले साल में सफर करने वालों की संख्या साढ़े तीन करोड़ के पार पहुंच जाती थी।
आठ साल में आय और खर्च
वर्ष आय(करोड़ में) खर्च(करोड़ में)
2013-14 0.10 0.50
2014-15 1.71 5.00
2015-16 5.62 19.16
2016-17 12.96 45.95
2017-18 46.24 128.07
2018-19 63.35 186.05
2019-20 84.40 209.70
2020-21 26.31 107.90