राजस्थान पत्रिका के 23 अगस्त के अंक में ‘पहले बिजली से कटे, दूजे खूंटी पर टंगे लीला के हाथ’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार में उल्लेख किया गया था कि हापों की ढाणी की इस बालिका के तीन साल पहले करंट से हाथ कट गए थे और इसके बाद कृत्रिम हाथ लगाए वो भी काम नहीं करने से यह बालिका अब जीवन में संघर्ष झेल रही है। बालिका की किसी तरह से सरकारी व गैरसरकारी मदद नहीं होने का उल्लेख किया गया था। समाचार प्रकाशन बाद कई लोग लीला की मदद को तैयार हो गए हैं। सूरत के युवाओं के संगठन, बाड़मेर के युवा उद्यमियों व कई लोगों ने मिलकर शनिवार को एक लाख ग्यारह हजार रुपए की मदद लीला के लिए उपलब्ध करवाई।
बालिका के लिए आगे आए संगठन पत्रिका की प्रेरणा से पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रघुवीरसिंह तामलोर की पहल पर शुक्रवार को बेमिसाल ग्रुप सदस्यों ने धनतेरस के दिन लीला के पिता भूरसिंह को नागणेचिया माता मंदिर प्रांगण में बुलाकर रावत त्रिभुवनसिंह और शिक्षाविद् कमलसिंह महेचा के हाथों से एक लाख ग्यारह हजार की नकद राशि लीला के इलाज के लिए सुपुर्द की गई। लीला की शिक्षा का जिम्मा शिक्षिका दीपिका चौधरी ने लिया। डॉक्टर पंकज बिश्नोई ने हर संभव भरोसा दिलाया। सफ ी खान सम्मा, लेफ्टिनेंट आदर्श किशोर, युवा उद्यमी पंकज चितारा, कैलाश कोटडिय़ा, मातेश्वरी विद्या मंदिर के राजेन्द्रसिंह भिंयाड़, एडवोकेट अमित बोहरा, फ ोगेरा सरपंच समुंद्रसिंह भाटी, पूर सिंह राठौड़, पंकज चण्डक, यशपाल डऊकिया, इन्द्र पुरोहित, बाबूभाई शेख, नरेशदेव सारण, लक्ष्मण गोदारा, नरेश जांगिड़, इन्द्रसिंह महाबार, अनूपसिंह भाटी, अरुण सिंह सोढ़ा, तनवीरसिंह फोगेरा, आनंद शर्मा, लखदान चारण, देवेंद्रसिंह सोढ़ा, सूरत से रितेश झंवर, आशुराम कूकणा, हनुमान बोला, अशोकसिंह रड़वा सहित कई ग्रुप सदस्य मौजूद रहे।
मंदिर ट्रस्ट भी मदद में आया आगे मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों ने भी लीला के इलाज के लिए हर संभव सहयोग करने का आश्वाशन दिया है। उन्होंने सरकारी व गैर सरकारी मदद दिलाने में सहयोग की बात कही। इस मौके पर अभयसिंह आगोर, बाबू सिंह सरली सहित ट्रस्ट के सदस्य मौजूद रहे।
दिवाली के बाद लीला को मिलेंगे नए हाथ पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रघुवीरसिंह ने बताया कि लीला के इलाज व विभाग से नियमानुसार मुवावजा दिलाने की बात को लेकर सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने भी जिला कलक्टर को कहा है। इसके बाद शिव विधायक कर्नल मानवेन्द्र सिंह की पत्नी चित्रासिंह ने भी सरकारी मुआवजा व आर्थिक सहयोग के लिए ऊर्जा मंत्री पुष्पेंद्रसिंह राणावत से बात की तो राणावत ने शीघ्र ही मदद देने के लिए आश्वस्त किया। तामलोर ने बताया कि अमरीकी प्रवासी भारतीय व समाजसेवी प्रेम भण्डारी से भी इस मामले में बात की तो उन्होंने बालिका को सहूलियत हों ऐसे अच्छे हाथ लगाने का कहा। इस पर जयपुर स्थित एक संस्थान आगे आया है और बालिका को जयपुर लाकर हाथ लगाने की स्वीकृति दी है। जिसमें उच्च क्वालिटी के नए हाथ लगाने का भरोसा दिलाया है
पत्रिका व बेमिसाल गु्रप का जताया आभार इस मौके पर लीला के पिता भूरसिंह ने कहा कि बेटी लीला के लिए खूब प्रयास किए लेकिन इसके हाथ कुदरत ने छीन लिए। बिजली ने उनके सपनों को तोड़ दिया। लेकिन लीला आज भी स्कूल में प्रथम आती है और वो पैरों से भी सुंदर लिखती है। भूरसिंह ने बताया कि पत्रिका व बेमिसाल ग्रुप का आभार जताया।