दो सप्ताह से चल रहा है विवाद
कपड़ा मार्केट में पिछले दो सप्ताह से फ्री पार्किंग को लेकर मार्केट एसोसिएशन और टैम्पो चालकों के बीच विवाद चल रहा है। पुलिस कमिश्नर की ओर से मार्केट एसोसिएशन को एक घंटे नि:शुल्क पार्किंग का निर्देश दिया गया है, लेकिन टैम्पो चालक इसके बाद भी कई मार्केट में फीस वसूलने का आरोप लगा रहे हैं। इसके अलावा रिंगरोड पर रोज पीली पट्टी में खड़े टैम्पो को पुलिस जब्त कर रही है। टैम्पो चालकों की एसोसिएशन इसका भी विरोध कर रही हैं। दो दिन पहले इस सिलसिले में टैम्पो चालकों और मजदूर संगठनों की मीटिंग हुई थी। इसमें 27 अगस्त से आमरण अनशन का निर्णय किया गया था। ग्रे-फिनिश्ड डिलीवरी टैम्पो कॉन्ट्रेक्टर्स चेरिटेबल एसोसिएशन के संजय पाटिल ने बताया था कि मंगलवार को बैलगाड़ी से ग्रे की डिलीवरी की जाएगी। मंगलवार सुबह मार्केट खुलते ही टैम्पो चालक तीन ऊंट गाडिय़ां लेकर मार्केट क्षेत्र में पहुंचे और ग्रे ताका ऊंट गाडियों पर लादकर डिलीवरी करने के लिए निकले। उधर, मार्केट क्षेत्र में प्रदर्शन को रोकने के लिए सुबह से ही पुलिस तैनात कर दी गई थी। पुलिस अधिकारियों ने ऊंट गाडियों को बीच में ही रोक लिया और ग्रे ताका का माल ऊंट गाडियों से नीचे उतार कर प्रदर्शनकारियों को समझाया। इसके बाद प्रदर्शन रोक दिया गया।
सोमवार को पुलिस आयुक्त के साथ हुई थी बैठक
कपड़ा मार्केट में नि:शुल्क पार्किंग का विवाद सुलझाने के लिए पिछले सोमवार को पुलिस कमिश्नर सतीश शर्मा के साथ फोस्टा और मार्केट एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मीटिंग में कमिश्नर ने स्पष्ट कहा था कि कपड़ा बाजार में मालवाहक वाहनों को एक घंटे तक नि:शुल्क पार्किंग देनी पड़ेगी। कपड़ा व्यापारियों का कहना था कि मार्केट की पार्किंग में टैम्पो चालकों को नि:शुल्क वाहन खड़े करने देने पर कई चालक घंटों तक टैम्पो नहीं ले जाएंगे। इससे अव्यवस्था पैदा होगी। पुलिस कमिश्नर ने कहा था कि हाइकोर्ट के आदेश के अनुसार मार्केट एसोसिएशन को उनके यहां आने वाले टैम्पो को एक घंटे नि:शुल्क पार्किंग देनी पड़ेगी। यदि कोई मार्केट पार्किंग के लिए अलग से जगह रखता है तो पार्किंग फीस ले सकता है। कपड़ा मार्केट में पार्किंग के मुद्दे पर फोस्टा का प्रतिनिधिमंडल इससे पहले भी पुलिस कमिश्नर से मिला था। फोस्टा के रंगनाथ सारड़ा का कहना था कि 40 प्रतिशत कपड़ा मार्केट में ही पार्किंग की सुविधा है। कई बार टैम्पो चालक माल उतारने के बाद वाहन वहीं खड़े कर देते हैं। इससे समस्या पैदा होती है।