प्रतिमाह चार टन तक उत्पादन
कंपनी के अधिकारी शंकर बजाज ने बताया कि वर्तमान में कंपनी में चार टन तक उत्पादन की मंजूरी है। यह मल्टीस्टेज प्रोडक्ट है और इसके तैयार होने में तीन दिन तक का समय लगता है। जिस तरह से इस प्रोडक्ट की मांग महसूस की जा रही है उसे देखते हुए यदि सरकार की ओर से मंजूरी मिली तो कंपनी दस टन तक उत्पादन क्षमता बढ़ा सकती है। उन्होंने बताया कि कोरोना के इलाज में इस दवा के ज्यादा प्रभावी होने का पता चलने पर इसका टैबलेट बनाने वाली कंपनियों द्वारा खूब मांग की जा रही है।
कंपनी द्वारा तैयार एचसीक्यूएस के एक ग्राम से चार सौ मिली ग्राम की ढाई टैबलेट तैयार हो सकती है। बजाज के अनुसार कंपनी द्वारा इसे तैयार करने के लिए रॉ-मटेरियल की कोई कमी नहीं है और करीब तीन से चार माह तक चलने लायक रॉ मटेरियल का स्टॉक है। शंकर बजाज ने बताया कि एक तरह से कंपनी लाइफ सेविंग प्रोडक्ट है।
लॉकडाउन में अन्य कंपनियां बंद हैं और उनके कर्मचारी घर बैठे हैं। वहीं, सरकारी मंजूरी से चल रही वाइटल हेल्थकेयर करीब 20 प्रतिशत मैनपावर की कमी सेजूझ रही है। इस बारे में शंकर बजाज ने बताया कि कोरोना के कारण लॉकडाउन के चलते विभिन्न ग्रामीण विस्तारों में आने जाने पर प्रतिबंध लगा है। ऐसे में कंपनी में आने के इच्छुक कामदारों को भी सरपंच या अन्य लोग आने नहीं देना चाहते हैं। इससे कंपनी में काम प्रभावित हो रहा है।