इस मामले में हरिवंश के परिजनों को मिली अग्रिम जमानत खारिज होने पर मेर व उनकी टीम उत्तरप्रदेश के जौनपुर जिले स्थित उसके मूल निवास गई थी। हरिवंश तो पुलिस के हाथ नहीं लगा, लेकिन पुलिस ने रामजी, ललिता व इमलेश को गिरफ्तार किया था। कोर्ट से उन्हें जमानत मिली। बाद में हरिवंश ने अलग-अलग मोबाइल नम्बर से पीएसआई मेर के व्हॉट्सएप नम्बर पर मैसेज करना शुरू किया।
मेर की शिकायत पर डिंडोली पुलिस ने 16 मई को हरिवंश के खिलाफ एक और मामला दर्ज कर उसकी खोज शुरू की थी। इस बीच उसके मध्यप्रदेश के सतना में होने की खबर मिलने पर डिंडोली पुलिस ने उसे वहां से गिरफ्तार कर लिया।
हरिवंश ने उसे फंसाने का लगाया आरोप
दूसरी तरफ, हरिवंश लगातार मीडिया को उसके निर्दोष होने और उसे जबरदस्ती मामले में फंसाए जाने की बात कहता रहा है। मीडिया को ई-मेल और व्हाट्सएप कर महिला पीएसआई द्वारा पक्षपात करने और उसके ससुराल पक्ष द्वारा धमकाने के आरोप भी कई तरह के ऑडियो रिकॉर्डिंग व व्हाट्सएप के स्क्रीनशॉट के जरिए लगाए हैं।