आसमान से नदी में तलाश रहे नाले तापी (tapi) में बढ़ते प्रदूषण पर एनजीटी (National Green Tribunal) की सख्ती के बाद सक्रिय हुए मनपा प्रशासन (surat municiple corporation) ने तापी शुद्धिकरण को लेकर गंभीर कोशिशें शुरू की थीं। इसके लिए 971 करोड़ रुपए का तापी शुद्धिकरण मास्टर प्लान भी तैयार किया गया था। इसके तहत मगदल्ला (magdalla) से काकरापार (kakrapar) तक के तापी रूट पर नदी में गिर रही गंदगी को रोकने के उपाय किए जाने हैं। इसमें सूरत शहर के साथ ही सूडा और राज्य सरकार का हिस्सा भी आता है। सूरत महानगर पालिका को राज्य सरकार ने मास्टर प्लान की कार्यदायी संस्था बनाया है।
राज्य सरकार का फरमान- तापी हमारी, हम करेंगे देखभाल मास्टर प्लान को फंडिंग कर रही एनआरसीपी की टीम शुक्रवार को सूरत आई थी। टीम का मकसद मनपा के कामकाज को समझने के साथ ही यह आकलन करना भी था कि इतने बड़े प्रोजेक्ट को करने के लिए मनपा के पास पर्याप्त क्षमता और व्यवस्थाएं भी हैं या नहीं। टीम सदस्यों ने मनपा के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) और टर्सरी ट्रीटमेंट प्लांट (TTP) का जायजा लिया। साथ ही यह भी जाना कि तापी शुद्धिकरण के तहत इस दिशा में अपने स्तर पर अब तक क्या कवायद की गई है।
साइट विजिट कराने के बाद मनपा प्रशासन ने एनआरसीपी (NRCP) की टीम के समक्ष मनपा मुख्यालय में एक प्रजेंटेशन भी दिया। प्रजेंटेशन के दौरान तापी शुद्धिकरण मास्टर प्लान के तहत काकरापार से मगदल्ला तक के तापी रूट और रास्ते में आ रही अड़चनों के साथ ही विभिन्न स्पाट्स पर कराए जाने वाले कामों की जानकारी भी दी। साथ ही बताया कि इसके लिए मनपा के पास कितनी जगह है और कितनी जगह अभी अवाप्त की जानी है। साथ ही अब तक खर्च की गई रकम और कराए गए कामों का ब्योरा भी टीम के समक्ष रखा।
13 करोड़ रिलीज, गांधीनगर अटके एनआरसीपी ने दौरे से पहले ही तापी शुद्धिकरण मास्टर प्लान के तहत 13 करोड़ रुपए की राशि रिलीज कर दी है। हालांकि यह राशि अभी सूरत महानगर पालिका (smc) को नहीं मिली है। बताया गया है कि यह राशि राज्य सरकार (state government) के पास अटकी हुई है। वहां से रिलीज होने के बाद मनपा के खाते में आएगी।