पिछले चुनावों में किसी के घर अथवा गाड़ी पर प्रचार सामग्री को लेकर झगड़ा होता था। उस व्यक्ति ने उस पार्टी का झंडा क्यों लगाया है अपने विस्तार में उस प्रत्याशी का नाम नहीं चाहिए आदि बातें अब बंद हो गई हंै।
भाविक
पिछले चुनाव में युवा जोश से काम करते थे और अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए जी-जान लगा देते थे। छोटी-छोटी बात पर एक पार्टी से दूसरी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मारपीट तक कर लेते थे। परन्तु इस चुनाव में बदलाव आया है। युवाओं को अपना भविष्य बनाना है और वह पार्टी या प्रत्याशी के लिए व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं लेते हैं। बातचीत के जरिए ही काम चलाते हंै।
रमेश
लोकसभा चुनाव में अनेक रैलियां और ग्रुप बैठकें हो चुकी हैं। चुनाव को लेकर अभी तक अपशब्द, गाली-गलौज, धमकी या मारपीट जैसा एक भी मामला दर्ज नहीं है। इस बार अच्छे तरीके से चुनाव हो रहा है और लोग लड़ाई झगड़े में नहीं पड़ते हैं।
सोहिल जीवानी, थाना प्रभारी
चुनाव के समय पार्टी कार्यकर्ताओं को हिदायत दी जाती है कि अपनी पार्टी एवं प्रत्याशी का विजन मतदाताओं के समझ रखें। फ्री में चिकन बिरयानी की ओर ध्यान नहीं देकर अच्छा काम करना चाहिए। भाषण के दौैरान आरोप- प्रत्यारोप के चक्कर में नहीं पड़ें। डिजिटल मीडिया के दौर में मतदाता सोच समझ कर ही मतदान करता है। कार्यकर्ता व्यक्तिगत टिप्पणी करके चुनावी दुश्मनी लेने से बचें।
खुर्शीद मांजरा, कांग्रेस महासचिव
इस लोकसभा चुनाव में सभी शांति से प्रचार कर रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा जाता है कि वह किसी पर निजी टिप्पणी नहीं करें। विकास पर सकारात्मक तरीके से प्रचार करें
मजीत लघानी, भाजपा प्रवक्ता
चुनाव के समय कार्यकर्ता सोच समझ कर बोलते हैं और किसी को अपशब्द नहीं निकालते हैं। आचार-संहिता उल्लंघन से बचने के लिए सभी प्रयास करते हैं। चुनाव में व्यक्तिगत लेकर नहीं चलते हैं।
उमेश पटेल,निर्दलीय प्रत्याशी