मंदिर की समय सारिणी के अनुसार बुधवार को उत्थापन के दर्शन तीन बजकर 45 मिनट पर तथा भोग एवं शयन आरती के दर्शन 4 बजकर 45 मिनट पर हुए। उन्होंने बताया कि गुरूवार को चन्द्रग्रहण के कारण मंगला आरती के दर्शनों में परिवर्तन किया गया तथा इस दिन मंगला आरती के दर्शन सुबह सात बजे से साढ़े सात बजे तक रखे गए।
वृन्दावन के ही ये मंदिर रहते हैं बंद राजा ठाकुर मंदिर गोकुल के सेवायत आचार्य बच्चू महराज ने बताया कि बल्लभकुल सम्प्रदाय के सभी मंदिर ग्रहण के दौरान जागरण के लिए खुले रहते हैं बल्लभकुल सम्प्रदाय का मंदिर होने के कारण राजा ठाकुर मंदिर भी ग्रहण के दौरान खुला रहता है। बांकेबिहारी मंदिर
वृन्दावन के प्रबंधक मुनीश शर्मा के अनुसार ग्रहण के कारण मंदिर बुधवार को प्रात: पांच बजे से आठ बजे तक खुला रहा। दानघाटी मंदिर गोवर्धन के सेवायत रामेश्वर ने बताया कि मंदिर केवल ग्रहण के दौरान ही बंद रहेगा।
राधाबल्लभ मंदिर वृन्दावन के सेवायत गोविन्द गोस्वामी के अनुसार मंदिर ग्रहण के कारण बंद कर दिया जाता है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के संयुक्त मुख्य अधिकारी राजीव श्रीवास्तव के अनुसार ग्रहण के कारण जन्मस्थान के सभी मंदिरों के खुलने के समय में कोई परिवर्तन नही किया जाता परंतु सभी मंदिर ग्रहण का सूतक लगने पर बंद हो जाते हैं और फिर ग्रहण हटने के बाद विधिवत आरती व पूजा-अर्चना के साथ खुलते हैं। ग्रहण के बाद इन सभी मंदिरों में साफ-सफाई कर भगवान की पूजा की जाती है तथा उन्हें भोग लगाया जाता है।