जोकोविच ने शुक्रवार रात एक और विंबलडन खिताब के बारे में कहा था, मेरे लिए यह सब कुछ होगा। इसलिए मैं यहां हूं। इसलिए मैं खेल रहा हूं। मैंने कल्पना की थी कि मैं लंदन आने से पहले एक और ग्रैंड स्लैम ट्रॉफी के लिए लड़ने की स्थिति में हूं। मैंने खुद को बहुत अच्छी स्थिति में रखा। ऑल इंग्लैंड क्लब में सातवें फाइनल में पहुंचने वाले जोकोविच रोजर फेडरर के बाद 30 ग्रैंड स्लैम फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे पुरुष खिलाड़ी हैं। फेडरर 31 मौकों पर ग्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुंच चुके हैं।
यह भी पढ़ें—विबंलडन: शापोवालोव को हरा फाइनल में पहुंचे जोकोविच, बेरेटिनी से होगा मुकाबला ऐसा लगता है कि 34 वर्षीय जोकोविच, फेडरर और नडाल दोनों से आगे निकल जाएंगे क्योंकि वह सभी प्रकार की सतहों पर खेलने के लिए पर्याप्त रूप से फिट दिखते हैं। दिलचस्प बात यह है कि सर्बियाई खिलाड़ी सिर्फ एक सेट हारकर फाइनल में पहुंचे हैं। इससे पहले, वह 2013, 2015 और 2019 में तीन मौकों पर विंबलडन फाइनल में दो सेट हार चुके हैं।
यह भी पढ़ें— विंबलडन: महिला खिलाड़ी के वनपीस पहनने पर हुआ था बवाल, की गई बैन की मांग समीर बनर्जी लड़कों के एकल फाइनल में भारतीय मूल के अमरीकी टेनिस खिलाड़ी समीर बनर्जी ने फ्रांस के साशा गुइमार्ड वेयनबर्ग को तीन सेटों में हराकर शनिवार को विंबलडन चैंपियनशिप में लड़कों के एकल वर्ग के फाइनल में प्रवेश किया। न्यू जर्सी के 17 वर्षीय दाएं हाथ के खिलाड़ी ने सेमीफाइनल मुकाबले में दो घंटे से कम समय में साशा को 7-6 (3), 4-6, 6-2 से हराया। फाइनल में, समीर का सामना एक अन्य अमेरिकी विक्टर लिलोव से होगा, जिन्होंने दूसरे सेमीफाइनल में चीन के जुन्चेंग शांग को 6-3, 6-1 से हराया। छह साल की उम्र में टेनिस खेलना शुरू करने वाले समीर ने 27 अन्फोस्र्ड एर्स किए जबकि साशा के खाते में 33 गलतियां आईं। समीर ने अपने पहले सर्व से 67 फीसदी अंक हासिल किए।