ऐसी गंदगी के बीच कैसे हो स्वच्छता का सपना पूरा
कहीं दस दिन में लग रही झाड़ू तो कहीं नही पहुंच रहे वाहन

टीकमगढ़. पूरे देश में चल रहे स्वच्छता अभियान में स्थान पाने भले ही नगर पालिका द्वारा प्रयास किए जा रहे हो, लेकिन शहर में जगह-जगह लगे कचरे के ढेर और नालों में वर्षों से जमा कचरा, नगर को स्वच्छ रखने के सपने पर ग्रहण लगाते दिखाई दे रहे है। आलम यह है कि कहीं पर दस दिन में सफाई करने अमला जा रहा है तो कहीं पर कचरा कलेक्ट करने वाहन ही नही पहुंच रहे है।
नगर में स्वच्छता को लेकर कितने भी नारे बुलंद किए जा रहे हो और लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न अवसरों पर अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक स्थल पर झाडू लगाकर फोटो खिंचाई जा रही हो, लेकिन हकीकत इससे कहीं जुदा है। हालत है कि नगर के अधिकांश स्थानों पर जहां दस-दस दिन कोई सफाई कर्मचारी नही पहुंच रहा हो, तो कहीं सफाई के बाद महिनों कचरा ही नही उठाया जा रहा है। कुछ जगहों पर तो लोगों ने सार्वजनिक नालों एवं नालियों को ही कचरा घर बना लिया है। ऐसे में हर कहीं शहर में कचरे का साम्राज्य दिखाई दे रहा है। शनिवार को पत्रिका ने नगर की सफाई व्यवस्था की पड़ताल की तो यह हकीकत सामने आई।
नही होती नियमित सफाई: सुभाषपुरम में नियमित सफाई नही होती है। लगभग 10 दिन में एक बार सफाई कर्मचारी झाडू लगाने आता है। वह पूरी गली की सफाई कर उनके घर के सामने खाली पड़े प्लॉट पर कचरे को ढेर लगाकर चला जाता है। यह कचरा यहीं पड़ा रहता है और हवाओं के साथ वापस सड़क पर बिखर जाता है। उनका कहना है कि इस मामले में वह कई बार सफाई प्रभारी से भी बात कर चुके है, लेकिन समस्या का कोई समाधान नही हो रहा है।- एलपी रावत, निवासी सुभाषपुरम कॉलोनी।
हम खुद जलाते है कचरा: यहां पर नियमित सफाई की व्यवस्था नही है। मुहल्ले के लोग जहां खाली पड़े प्लॉटों में कचरा फैंकते है, वहीं सफाई के बाद कचरा उठाने वाहन भी नही आता है। मैं खुद ही कई बार अपने बाजू के प्लॉट पर ज्यादा कचरा होने पर उसे जलाता हूं। सफाई की नियमित व्यवस्था न होने से पूरे में गंदगी पड़ी रहती है। इसके लिए नगर पालिका को व्यवस्थाएं दुरूस्त करनी चाहिए।- करूणकांत खरे, निवासी सुभाषपुरम।
नाले में डालते है कचरा: यहां पर सफाई एवं कचरा कलेक्शन करने नियमित वाहन नही आते है। यहां का पूरा कचरा नाले में डाला जाता है। गंदगी के कारण नाले के पास से निकलना मुश्किल हो रहा है। नाले की सफाई न होने के कारण बारिश के दिनों में समस्या और भी बड़ जाती है। इस पर नपा का कोई ध्यान नही है। कई बार शिकायत करने के बाद भी कुछ नही होता है।- निखिल गंगेले, निवासी पुरानी टेहरी।
महिनों से नही हुई सफाई: यह नहर बड़े तालाब के ओवर फ्लो के लिए बनाया गया है। लेकिन सफाई न होने से अब यह कचरा कलेक्शन का केन्द्र बन गया है। इसे लोग अब गंदे नाले के रूप में पहचानने लगे है। राजशाही दौर में हर बारिश में यह नाला अपने पूरे ऊफान पर रहता था। यदि इसकी सफाई कराकर इसे व्यवस्थित किया जाए, तो यह बहुत आकर्षक होगा। पूरे मुहल्ले का कचरा इसी नाले में जा रहा है।- पंकज शर्मा, निवासी पुरानी टेहरी।
दिखावा नही ईमानदारी से हो प्रयास: पूरे देश में चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान का असली मकसद लोगों की आदतों में बदलाव करना और इसके लिए संबंधित विभाग द्वारा पूरी ईमानदारी से प्रयास करना है। लेकिन स्वच्छता को लेकर नगर में तो संबंधित विभाग द्वारा ईमानदारी से प्रयास किए जा रहे है और न ही लोगों की आदतों में बदलाव होता दिखाई दे रहा है। जहां कुछ लोग चाहते है कि उनके आसपास के परिवेश में गंदगी न हो, तो वहां पर नगर पालिका द्वारा मदद नही की जा रही है। ऐसे में नगर में स्वच्छता अभियान सफल होते नही दिखाई दे रहा है। हमारा नगर भी स्वच्छ हो और बीमारियों से दूर रहे, इसके लिए सभी को सामुहिक प्रयास करने होंगे।
कहते है अधिकारी: जहां से भी शिकायतें प्राप्त हो रही है, वहां का निरीक्षण किया जाएगा। सफाई की व्यवस्थाओं में सुधार के निरंतर प्रयास किए जा रहे है। जनवरी से शुरू होने वाले इस अभियान के पूर्व सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त की जाएगी। लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।- ओपी दुबे, सीएमओ, नगर पालिका, टीकमगढ़।
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