टीकमगढ़
रकवा- २२१.३५ हेक्टेयर रकवा- २३१.३० हेक्टेयर
पिछले वर्ष के रकवा की स्थिति इस वर्ष के रकवा की स्थिति
घान १.२० १.५०
मक्का ०.३० ०.५०
बाजरा ०.० ०.०५
ज्वार ०.५० ०.८०
कोदो कुटकी ०.० ०.१०
तुअर ०.२० ०.३०
उड़द ११५.२० ११०.५०
मूंग २.५० ३
सोयाबीन ११.१४ १०
मूंगफली ७५.१० ८९.५
तिल १५.२१ १५.५०
किसानों की पंसद को देखते हुए कृषि विभाग ने इस बार मूंगफली का रकवा बढ़ाया है। वहीं उड़द और सोयाबीन का रकवा घटा दिया है। जबकि पिछले वर्ष की तुलना में टीकमगढ़ जिले का रकवा १० हजार हेक्टेयर और निवाड़ी जिले का रकवा ३.१७ हजार हेक्टेयर अधिक बढ़ा दिया है। वहीं मूंगफली का १४. ४ हेक्टेयर और निवाड़ी में १.७२ हेक्टेयर का रकवा प्रस्तावित किया गया है। लेकिन दोनों जिलों का उड़द का रकवा घट गया हंै। खरीफ फसलों की तैयारी को लेकर किसानों ने खेतों में काम करना शुरू कर दिया और मूंंगफली के बीजों की वैरायटी खोज रहे है। हालांकि ज्यादातर किसान घर के बीज का परीक्षण कर रहे है।
दोनों जिलों में मूंगफली का रकवा बढ़ाया गया है। इस फसल का उत्पादन अधिक और आपदा का असर भी नहीं होता है और विभिन्न रोगों से दूर रहती है। जिसके कारण किसानों को यह फसल पंसद आ रही है।
अशोक कुमार शर्मा, उपसंचालक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग टीकमगढ़।