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टीकमगढ़

आपदा से बचने मूंगफली की फसलों को चुन रहे किसान

टीकमगढ़ कृषि कार्यालय

टीकमगढ़May 30, 2024 / 08:15 pm

akhilesh lodhi

टीकमगढ़ कृषि कार्यालय

टीकमगढ़ कृषि कार्यालय

टीकमगढ़ में १० हजार और निवाड़ी जिले में ३.१७ हजार हेक्टेयर का बड़ा रकवा

टीकमगढ़.जिले के किसान अधिक मुनाफ ा के लिए इन दिनों मूंगफ ली की खेती को ज्यादा पंसद करने लगे है। अभी तक ज्यादातर किसान सोयाबीन, उड़द, मूंग और तिल की फ सलों को महत्व दे रहे थे। लेकिन कई बार ये फ सलें दैवीय आपदा के चलते किसानों को भारी नुकसान पहुंचा गई हैं। टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले के कई गांव ऐसे है जहां ७० फ ीसदी किसान अपनी कमाई बढ़ाने के लिए मूंगफ ली की खेती को करना शुरू कर दिया है।
किसानों की पंसद को देखते हुए कृषि विभाग ने इस बार मूंगफली का रकवा बढ़ाया है। वहीं उड़द और सोयाबीन का रकवा घटा दिया है। जबकि पिछले वर्ष की तुलना में टीकमगढ़ जिले का रकवा १० हजार हेक्टेयर और निवाड़ी जिले का रकवा ३.१७ हजार हेक्टेयर अधिक बढ़ा दिया है। वहीं मूंगफली का १४. ४ हेक्टेयर और निवाड़ी में १.७२ हेक्टेयर का रकवा प्रस्तावित किया गया है। लेकिन दोनों जिलों का उड़द का रकवा घट गया हंै। खरीफ फसलों की तैयारी को लेकर किसानों ने खेतों में काम करना शुरू कर दिया और मूंंगफली के बीजों की वैरायटी खोज रहे है। हालांकि ज्यादातर किसान घर के बीज का परीक्षण कर रहे है।
पिछले वर्ष यह थी रकवा की स्थिति
कृषि विभाग की रिपोर्ट अनुसार टीकमगढ़ जिले में खरीफ फसल का रकवा वर्ष २०२३-२४ में २२१.३५ हेक्टेयर प्रस्तावित किया था। वर्ष २०२४-२५ में २३१.३० हेक्टेयर रकवा दर्ज किया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में ९.९५ हेक्टेयर का रकवा अधिक बढ़ाया गया है। वहीं निवाड़ी जिले में वर्ष २०२३-२४ में ७५.५० हेक्टेयर प्रस्तावित किया था। वर्ष २०२४-२५ में ७८.६७ हेक्टेयर रकवा दर्ज किया है। पिछले वर्ष की तुलना में ३.१७ हेक्टेयर का रकवा बढ़ाया गया है।
मूंगफली का बढा रकवा
बताया गया कि पिछले वर्ष मूंगफली का रकवा ७५.१० हेक्टेयर था, इस वर्ष ८९.५ हेक्टेयर दर्ज किया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में १४.४ हेक्टेयर का रकवा बढ़ाया गया है। वहीं निवाड़ी में ४६.४८ हेक्टेयर था, इस वर्ष ४८.२० हेक्टेयर प्रस्तावित किया गया है। वहां का रकवा १.७२ हेक्टेयर बढ़ाया गया है। उड़द का रकवा दोनों जिलों में घटाया गया है। निवाड़ी में सोयाबीन का रकवा बढ़ा है और टीकमगढ़ में १.१४ हेक्टेयर कम किया गया है। वहीं तिल का भी रकवा घटाया गया है।
फैक्ट फाइल
टीकमगढ़
रकवा- २२१.३५ हेक्टेयर रकवा- २३१.३० हेक्टेयर
पिछले वर्ष के रकवा की स्थिति इस वर्ष के रकवा की स्थिति
घान १.२० १.५०
मक्का ०.३० ०.५०
बाजरा ०.० ०.०५
ज्वार ०.५० ०.८०
कोदो कुटकी ०.० ०.१०
तुअर ०.२० ०.३०
उड़द ११५.२० ११०.५०
मूंग २.५० ३
सोयाबीन ११.१४ १०
मूंगफली ७५.१० ८९.५
तिल १५.२१ १५.५०

किसानों की पंसद को देखते हुए कृषि विभाग ने इस बार मूंगफली का रकवा बढ़ाया है। वहीं उड़द और सोयाबीन का रकवा घटा दिया है। जबकि पिछले वर्ष की तुलना में टीकमगढ़ जिले का रकवा १० हजार हेक्टेयर और निवाड़ी जिले का रकवा ३.१७ हजार हेक्टेयर अधिक बढ़ा दिया है। वहीं मूंगफली का १४. ४ हेक्टेयर और निवाड़ी में १.७२ हेक्टेयर का रकवा प्रस्तावित किया गया है। लेकिन दोनों जिलों का उड़द का रकवा घट गया हंै। खरीफ फसलों की तैयारी को लेकर किसानों ने खेतों में काम करना शुरू कर दिया और मूंंगफली के बीजों की वैरायटी खोज रहे है। हालांकि ज्यादातर किसान घर के बीज का परीक्षण कर रहे है।

दोनों जिलों में मूंगफली का रकवा बढ़ाया गया है। इस फसल का उत्पादन अधिक और आपदा का असर भी नहीं होता है और विभिन्न रोगों से दूर रहती है। जिसके कारण किसानों को यह फसल पंसद आ रही है।
अशोक कुमार शर्मा, उपसंचालक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग टीकमगढ़।

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