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टीकमगढ़

कैसे लड़ेगे डेंगू, मलेरिया से, स्टाफ की कमी से जूझ रहा विभाग

मलेरिया विभाग का कार्यक्रम।

टीकमगढ़Jun 02, 2024 / 07:37 pm

akhilesh lodhi

मलेरिया विभाग का कार्यक्रम।

मलेरिया विभाग का कार्यक्रम।

जून से शुरू होगा राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियत्रंण कार्यक्रम

टीकमगढ़.टीकमगढ़ और निवाड़ी जिला का मलेरिया विभाग स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। जबकि इन जिलों में ३० के करीब पद स्वीकृत है। इनमें से एक मलेरिया अधिकारी और तीन निरीक्षक कार्य को संभाल रहे हैं, बाकी के पद खाल पड़े है। जून से डेंगू और मलेरिया रोगी बढऩे की संभावना है। जिसमें कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी। जबकि दोनों के जिलों के छह ब्लॉकों के लिए कर्मचारियों की मांग पत्र के माध्यम से जिला और प्रदेश स्तर से कर चुके है।
दोनों जिलों के मुख्यालय पर सिर्फ जिला मलेरिया अधिकारी और तीन निरीक्षक कर्मचारी से भरोसे डेंगू रोकथाम की जिम्मेदारी, क्रॉस बार्डर मीटिंग और अतिरिक्त कार्य संभाल रहे हैं। जून में सीजन होने से डेंगू और मलेरिया के मामले बढ़ सकते हैं। डेंगू से लडऩे वाला मलेरिया विभाग खुद स्टॉफ की कमी से लड़ रहा है। दोनों जिले के छह ब्लॉक में से सिर्फ तीन ब्लॉकों में एक-एक मलेरिया निरीक्षक हैं। जो डेंगू की रोकथाम के लिए फ ील्ड में उतरते हैं। जिला मुख्यालय पर तो सिर्फ जिला मलेरिया अधिकारी और एक कर्मचारी पर डेंगू रोकथाम की जिम्मेदारी है। ऐसी स्थिति में सीजन से पहले ही जिले में डेंगू की दस्तक से मलेरिया विभाग की चिंता बडा दी है।
यह है स्थिति
मलेरिया विभाग की स्थापना में १२ नियमित पद है और १८ पद कलेक्टर दर यानि कंटींजेसीय के हैं। जिन पर पद पूर्ति की स्वीकृति नहीं हैं । इसमें से केवल चार पद भरे हुए है। वर्ष 2011 में छतरपुर से मलेरिया यूनिट का विभाजन हुआ था। उस समय कुल 28 कर्मचारी टीकमगढ़ और निवाड़ी में सेवारत थे। जिनमें से वर्तमान में केवल 17 कर्मचारी शेष हैं। जिनकी स्थांपना आज भी जिला मलेरिया कार्यालय छत्तरपुर में है। इनकी मैपिंग टीकमगढ़ ट्रेजऱी में किए जाने के लिए पत्राचार किया गया था। यह प्रक्रिया अभी भी शासन स्तर पर चल रही हैं।
जून से शुरू होगा मलेरिया निरोधक महीना
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियत्रंण कार्यक्रम के तहत दोनों जिलों में जून को मलेरिया निरोधक महीना के रूप में मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में मलेरिया, चिकुनगुनिया एवं फ ायलेरिया जैसी वैक्टर जनित बीमारियों के नियंत्रण, बचाव के उपाय एवं बीमारी के लक्षण से संबंधित जानकारी को आम जन-समुदाय तक पहुचाना हैं। जिले में मलेरिया और डेंगू के आंकड़े शून्य हैं और फाइलेरिया के टीकमगढ़ में ५५ और निवाड़ी में २५ का आंकड़ा दर्ज हैं।
यह है बचाव के उपाय
प्रति सप्ताह अपने घर, कार्यालय, विद्यालयों में कूलर, पानी की टंकी को साफ कर, सुखाकर पानी बदलना एवं स्वच्छ पानी को ढंककर रखना हैं। स्थाई जल भराव के गड्ढो में मिट्टी का तेल, जला हुआ इंजन ऑयल, टेमीफ ॉस का छिडक़ाव करना हैं। हैंड पंप के आस पास जल का निकास बनाए रखना हैं। कीटनाशक मच्छरदानी का उपयोग करना, दरवाजों, खिड़कियों पर जाली लगाना। मलेरिया के पूर्ण उपचार की जानकारी रखना। मॉसकिटो रेपलेंट, क्वाइल आदि का उपयोग करना। आस-पास बड़े जल स्त्रोत होने पर लार्वा भक्षी गेम्बुसिया मछली के संचयन के लिए मलेरिया कार्यालय का सूचना देना। मच्छर जन्य परिस्थितियों के निदान के बारे में जानना। बुखार आने पर तुरंत मलेरिया की जांच कराने और चिकित्सक को जानकारी देने।
फैक्ट फाइल
टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में मलेरिया की जांच और प्रकरणों के आंकड़े
जिला वर्ष जांच प्रकरण
टीकमगढ़ २०१८ 89208 368
निवाड़ी २०१८ ३६९३० १६०

टीकमगढ़ २०१९ 119472 157
निवाड़ी २०१९ 47781 40

टीकमगढ़ २०२० 88431 22
निवाड़ी २०२० 28542 6
टीकमगढ़ २०२१ 131448 3
निवाड़ी २०२१ 30376 3

टीकमगढ़ २०२२ 166894 0
निवाड़ी २०२२ 36781 2

टीकमगढ़ २०२३ 179013 0
निवाड़ी २०२३ 54709 0

टीकमगढ़ २०२४ 47738 0
निवाड़ी २०२४ 15028 0

यह आंकड़े ३१ मई २०२४ तक के हैं।

दोनों जिलों के छह ब्लॉकों में कर्मचारियों की कमी है। वहां पर कर्मचारियों को पदस्थ करने और कंटींजेसीय पर कर्मचारियों को लगाने की मांग की गई है। जून से राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियत्रंण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इससे मलेरिया, फाइलेरिया की जांच की जाएंगी। कर्मचारी नहीं होने पर आंगनबाड़ी और कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया जाएगा।
हरिमोहन रावत, जिला मलेरिया अधिकारी टीकमगढ़।

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