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टीकमगढ़

मेडिकल कॉलेज कहां खुलेगा तय नहीं, पर पत्र रणनीति दिखा रही असर

सतत आंदोलन करने की मांग

टीकमगढ़Feb 14, 2018 / 03:59 pm

akhilesh lodhi

Medical College, MP's letter showing policy effectMedical College, MP'

Medical College, MP’s letter showing policy effectMedical College, MP’

टीकमगढ़.मंगलवार का दिन जिले के विकास के लिए एक अहम दिन साबित हुआ। जिले में यह पहला मर्तबा था जब लोग राजनैतिक परिधि से ऊपर उठ कर विकास के लिए जुटे हुए थे। मंगलवार को जिले में मेडीकल कॉलेज की स्थापना के लिए हर राजनैतिक दलों के लोगों के साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोगों ने अपनी सहभागिता दर्जकराईऔर इसके लिए सतत आंदोलन करने की मांग की।
सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार द्वारा छतरपुर जिले में मेडीकल कॉलेज खोलने के लिए लिखे गए पत्र से भविष्य में क्या होगा, यह तो कोईनही जानता लेकिन एक बार है कि इस पत्र ने जिले की जनता को अपने हक के लिए जागरूक जरूर कर दिया है। मंगलवार को स्थानीय राजेन्द्र पार्क मेडीकल कॉलेज के लिए चौपाल पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस चर्चा में आए सभी लोगों ने इसके लिए आंदोलन करने एवं मेडीकल कॉलेज स्थापित कराने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कहीं। इस कार्यक्रम में मेडीकल कॉलेज संघर्ष सम्मति का गठन किया गया एवं एक सप्ताह के आंदोलन की रूपरेखा बनाई गई।
जनता की चुप्पी कारण: चौपाल में आए व्यवसाई एवं समाज सेवी पुष्पेन्द्र सिंह का कहना था कि मेडीकल कॉलेज नही जिले में और भी कई चीजें नही आई है, इसका प्रमुख कारण है ऐसे मुद्दों पर जनता का चुप रहना। जनता की चुप्पी के कारण ही यह सौगाते हमें नही मिली है। अब जब लोग एकत्रित हुए तो विकास की बात पुरजोर तरीके से उठाई जाएगी और हमारे जनप्रतिनिधियों के साथ ही सरकार को भी यह सुनन होगा। मेडीकल कॉलेज को जिले में लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
राजनीति से ऊपर उठ कर हो प्रयास: वहीं भाजपा के पूर्वमहामंत्री प्रत्येन्द्र सिंघई का कहना था कि मेडीकल कॉलेज जिले में ही खुलना चाहिए। इसके लिए किसी को दोष न दे। छतरपुर में आकाशवाणी केन्द्र, कृषि महाविद्यालय के साथ ही अन्य चीजें भी है। हमारा जिला कॉफी पिछड़ा है। ऐसे में मेडीकल कॉलेज टीकमगढ़ में ही खुलना चाहिए। राजनीति से ऊपर उठ कर इसके लिए काम किया जाना चाहिए।
सभी दल साथ आएं: वहीं चौपाल में प्रणव जयसवाल ने कहा कि यह किसी पार्टी या जनप्रतिनिधि के विरोध या समर्थन की बात नही है। यह जिले की महत्ती आवश्यकता और विकास की बात है। इसमें सभी को एक मंच पर आकर इसके लिए प्रयास करना होगा। यदि हम यह कर पाए तो हमारी आने वाली पीढिय़ा, इसके लिए हमारी आभारी होगी। यदि संयुक्त रूप से प्रयास हुआ तो मेडीकल कॉलेज टीकमगढ़ में ही खुलेगा।

जिले की आवश्यकता है कॉलेज: वहीं जितेन्द्र सिंह जीतू का कहना था कि स्वास्थ्य, शिक्षा और सिंचाई जिले की प्रमुख समस्या है। इन दिनों जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बदहाल है। इसके लिए सभी का सामुहिक प्रयास जरूरी है। मेडीकल कॉलेज आने से जिले की जनता को लाभ होगा। इसके लिए जो भी जरूरी कदम है, उठाए जाने चाहिए। यह जिले की आवश्यकता है।
समझनी होगी आवश्यकता: वहीं पूर्वपार्षद संजय नायक का कहना था कि हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। आज तक हम अपनी आवश्यकताओं के लिए चुप बने रहे है। यही कारण है कि हम विकास में इतने पिछड़े है। हम अपने जिले के विकास और जनता की आवश्यकताओं को समझना होगा। मेडीकल कॉलेज जिले के विकास एवं गरीबों के उपचार के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
चरणबद्ध तरीके से होगा आंदोन: वहीं चौपाल का संयोजन करने वाले मनु जैन का कहना था कि बैठक में मेडीकल कॉलेज संघर्ष समिति का गठन करने की बात कहीं गई है। इसकी जल्द ही कार्यकारिणी गठन कर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन प्रारंभ किया जाएगा। इसमें 1 लाख ज्ञापन, घर-घर जनसंपर्क करने के साथ ही दिल्ली तक प्रयास किए जाएंगे। अभी एक सप्ताह की रणनीति बनाईजा रही है। चौपाल में प्रत्युष पाठक, विनोदादित्य तिवारी, संदीप अवस्थी, एड मानवेन्द्र सिंह, पूनम जयसवाल, देवेन्द्र नापित, ब्रजेन्द्र सेंगर, डॉ इसरार मुहम्मद, राकेश सिंह सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

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