पौन घंटे की मशक्कत के बाद निकला नारियल: यहां पर पंडितों ने वैदिक रीति से मंत्रोच्चार कर हजारा की प्रक्रिया शुरू कराई। मुख्य यज्ञमान राजेश साहू ने अपनी पति के साथ पूजा अर्चना की। इसके बाद आयोजन समिति के संजय नायक, पिंटू बड़ांगांव, महेन्द्र सिजौरा, तारकेश्वर त्रिपाठी चिंटू, दीपक शुक्ला, पंकज खरे, नीरज बिदुआ, राजीव नायक, जितेन्द्र सेन जीतू सहित अनेक श्रद्धालुओं ने अपने परिवार के साथ इस हजारा को भरने का प्रयास किया। कलश, बाल्टी एवं लोटों से जल लेकर हजारा भरने का प्रयास लगभग पौन घंटे चला। इसके बाद ही यह नारियल बाहर निकल सका। हजारा भरते ही सभी भक्त हर-हर महादेव का उदघोष करने लगे। इसके बाद कॉलोनी में शिव परिवार की नगर परिक्रमा की गई। इसमें श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य कर प्रसन्नता जाहिर की।
कथा का हुआ समापन: इसके साथ ही राधेश्याम व्यास महाराज ने अखिरी दिन की कथा का श्रवण श्रद्धालुओं को कराया। उन्होंने आयोजन समिति को हजारा एवं शिव परिवार प्रतिष्ठा के लिए शुभकामनाएं दी। वहीं उन्होंने भगवान शिव से कामना की पूरे नगर पर उनकी कृपा बनी रहे। रोधश्याम व्यास जी ने कहा कि यह नगरी तो वैसे ही धन्य है। एक छोर पर जहां स्वयं भू महादेव कुण्डेश्वर के रूप में विराजमान है, वहीं दूसरी ओर साक्षात रामराजा सरकार जगत का कल्याण कर रहे है। उन्होंने कहा कि जिले की माटी ही बड़ी पावन है। तभी तो यहां पर रावतपुरा सरकार और मलूकपीठाधीश्वर देवाचार्य राजेन्द्रदास महाराज जैसे संतों ने जन्म लिया है।