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टीकमगढ़

प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व हुआ हजारा, पौन घंटे की मशक्कत के बाद भरा घट

ऊॅ नम: शिवाय के मंत्र से गुंजी महावीर कॉलोनी, सैकड़ों श्रद्धालु हुए शामिल

टीकमगढ़Feb 09, 2019 / 08:48 pm

anil rawat

Shiva Parivar Pran-Pratishtha

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टीकमगढ़. स्थानीय महावीर कॉलोनी में चल रहे शिव परिवार प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शनिवार को शिव परिवार का हजारा किया गया। इस महात्वपूर्ण आयोजन में बड़ी संख्या में महिलाओं एवं पुरूषों ने भाग लिया। हजार छेदों वाले घड़े को भरने एवं उसमें रखे नारियल को जल की धार से बाहर निकालने के लिए श्रद्धालुओं को खासी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं नारियल बाहर आते ही पूरा परिसर हर-हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान हो गया।
महावीर कॉलोनी में 1 फरवरी से शिव परिवार प्राण-प्रतिष्ठा एवं शिव महापुराण का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में शनिवार को शिव परिवार प्राण-प्रतिष्ठा के तहत महात्पूर्ण हजारा का आयोजन किया गया। भगवान शिव की स्थापना के पूर्व पूरे परिवार को अन्नवास, जलवास करने के बाद हजारा किया जाता है। हजारा की यह प्रक्रिया सबसे महात्वपूर्ण एवं रोचक मानी जाती है। इसमें एक मिट्टी के कलश में हजार छेद किए जाते है। हजार छेद के इस कलश को हजारा कहा जाता है। इसके बाद श्रद्धालु मंत्रोच्चार के माध्यम से इसे कलशों से जल लेकर भरते है। इस हजारा कलश में एक नारियल डाला जाता है। श्रद्धालुओं द्वारा भरे जाने वाले जल के प्रवाह से जब यह नारियल निकल कर बाहर आ जाता है, तब इस प्रक्रिया को पूर्ण माना जाता है। शनिवार को इस प्रक्रिया के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का मंदिर पहुंचना शुरू हो गया था।

पौन घंटे की मशक्कत के बाद निकला नारियल: यहां पर पंडितों ने वैदिक रीति से मंत्रोच्चार कर हजारा की प्रक्रिया शुरू कराई। मुख्य यज्ञमान राजेश साहू ने अपनी पति के साथ पूजा अर्चना की। इसके बाद आयोजन समिति के संजय नायक, पिंटू बड़ांगांव, महेन्द्र सिजौरा, तारकेश्वर त्रिपाठी चिंटू, दीपक शुक्ला, पंकज खरे, नीरज बिदुआ, राजीव नायक, जितेन्द्र सेन जीतू सहित अनेक श्रद्धालुओं ने अपने परिवार के साथ इस हजारा को भरने का प्रयास किया। कलश, बाल्टी एवं लोटों से जल लेकर हजारा भरने का प्रयास लगभग पौन घंटे चला। इसके बाद ही यह नारियल बाहर निकल सका। हजारा भरते ही सभी भक्त हर-हर महादेव का उदघोष करने लगे। इसके बाद कॉलोनी में शिव परिवार की नगर परिक्रमा की गई। इसमें श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य कर प्रसन्नता जाहिर की।
कथा का हुआ समापन: इसके साथ ही राधेश्याम व्यास महाराज ने अखिरी दिन की कथा का श्रवण श्रद्धालुओं को कराया। उन्होंने आयोजन समिति को हजारा एवं शिव परिवार प्रतिष्ठा के लिए शुभकामनाएं दी। वहीं उन्होंने भगवान शिव से कामना की पूरे नगर पर उनकी कृपा बनी रहे। रोधश्याम व्यास जी ने कहा कि यह नगरी तो वैसे ही धन्य है। एक छोर पर जहां स्वयं भू महादेव कुण्डेश्वर के रूप में विराजमान है, वहीं दूसरी ओर साक्षात रामराजा सरकार जगत का कल्याण कर रहे है। उन्होंने कहा कि जिले की माटी ही बड़ी पावन है। तभी तो यहां पर रावतपुरा सरकार और मलूकपीठाधीश्वर देवाचार्य राजेन्द्रदास महाराज जैसे संतों ने जन्म लिया है।

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