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Bisalpur Dam: गर्मी आने से पहले बीसलपुर बांध से आई चिंताजनक खबर

राज्य की लाइफ लाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध का जल गर्मी के मौसम की शुरुआत के साथ ही दिनों-दिन तेज गति से घटने लगा है। जयपुर, अजमेर सहित टोंक जिले के साथ ही सैकड़ों गांव कस्बों की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध का जल घटकर अभी कुल जलभराव का आधे से भी कम रह गया है।

टोंकMar 14, 2024 / 08:19 am

Akshita Deora

File Photo

राज्य की लाइफ लाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध का जल गर्मी के मौसम की शुरुआत के साथ ही दिनों-दिन तेज गति से घटने लगा है। जयपुर, अजमेर सहित टोंक जिले के साथ ही सैकड़ों गांव कस्बों की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध का जल घटकर अभी कुल जलभराव का आधे से भी कम रह गया है। बीसलपुर बांध में मानसून के दौरान महज 10.225 टीएमसी पानी की आवक दर्ज की गई थी। जिसके चलते बांध का गेज 314.02 आर एल मीटर तक ही पहुंच पाया था।

जो कुल जलभराव के निकट पहुंचने से भी 1.48 आर एल मीटर की दूरी पर रहा था। गौरतलब है कि बीसलपुर बांध का कुल जलभराव 315.50 आर एल मीटर है। इसमें प्रति वर्ष के लिए 16.2 टीएमसी पानी पेयजल के लिए आरक्षित रखा जाता है। उसके बाद 8 टीएमसी पानी सिंचाई के लिए आरक्षित हैं व 8.95 टीएमसी पानी वाष्पीकरण व अन्य खर्च में माना जाता रहा है। इसी प्रकार बांध का जलभराव कम होने के बावजूद इस साल किसानों की मांग के चलते 1.586 टीएमसी पानी सिंचाई के लिए नहरों में छोड़ा गया था। हालांकि किसानों को सिंचाई का एक बार ही पानी दिया गया था।

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अभी 35 लीटर प्रति व्यक्ति, इसे बढ़ाएंगे
बीसलपुर बांध से टोंक जिले के लिए प्रति व्यक्ति 35 लीटर पानी प्रति दिन के हिसाब से दिया जा रहा है। गत दिनों जिला मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने पानी बढ़ाने को कहा था। उन्होंने अधिकारियों से कहा था कि जिला मुख्यालय पर पानी की आपूर्ति बढ़ाई जाए। ताकि प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पानी दिया जा सके।
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विभाग कर रहा पानी चोरी रोकने की कार्रवाई
जल संसाधन विभाग व जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग गर्मी के मौसम में होने वाली पानी की किल्लत को मध्य नजर रखते हुए अवैध नल कनेक्शन हटाने, व्यर्थ बहते पानी की रोकथाम, अवैध कृषि कार्य के तहत जलभराव किनारे से पानी चोरी रोकने में जुट गया है।

दिनों दिन गर्मी तेज होती जा रही है। ऐसे में पंखे भी चलने लगे हैं। इसके साथ ही बीसलपुर बांध के पानी में भी धीरे-धीरे कमी होती जा रही है। गर्मी के कारण पानी की जहां मांग अधिक हो रही है। वहीं वाष्पीकरण भी हो रहा है।

गर्मी के साथ बढ़ेगी मांग, होगा वाष्पीकरण तेज
बीसलपुर बांध में भरा पानी पेयजल के लिए एक वर्ष का पानी माना जा रहा है। हालांकि अब गर्मी के मौसम में पेयजल की मांग भी बढ़ने लगेगी। वहीं जयपुर के लिए नए इलाकों में भी सरकार की ओर से बीसलपुर का पानी पहुंचाने की योजना कार्यरत हैं। वहीं तेज गर्मी के मौसम में वाष्पीकरण में भी तेजी आएगी। ऐसे में इस बार फिर से मानसून की बेरूखी रही तो वर्ष के आखिर तक पेयजल पर संकट के बादल भी मंडरा सकते हैं।

एक नजर में बीसलपुर बांध
बीसलपुर बांध का गेज सोमवार सुबह 6 बजे तक 311.78 आर एल मीटर दर्ज किया गया है। जिसमें 16.855 टीएमसी का जलभराव है। जो पेयजल के लिए आरक्षित 16.2 टीएमसी के करीब है। यह पानी बांध के कुल जलभराव का 45 प्रतिशत पानी शेष भरा हुआ है। अभी बीसलपुर बांध से पेयजल व वाष्पीकरण के चलते रोजाना 1000 एमएलडी पानी खर्च हो रहा है। जिसमें दो सेंटीमीटर पानी की प्रति दिन खपत मानी जा रही है।

बीसलपुर बांध से पेयजल के लिए पानी लेने की मात्रा कम या ज्यादा करने, जलापूर्ति आदि का सम्पूर्ण निर्णय राज्य सरकार व जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग करते है। गर्मी के मौसम में जलापूर्ति बढ़ाने आदि का निर्णय भी उन्हीं के अधिकार क्षेत्र में है।
मनीष बंसल, अधिशासी अभियंता बीसलपुर बांध परियोजना देवली।

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