इससे लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। कस्बे के वार्ड 11 में शीतला की टेक, खातोली दरवाजा, भूतेश्वर गेट, तबेला, पुरानी नगरपालिका के पीछे, कलालों के मंदिर के पीछे, बावड़ी का चौक में गंदगी के ढेर लगे हैं। आम रास्तों में पानी बहने से लोगों का निकलना तक दूभर हो रहा है।
जबकि नगरपालिका में सफाई कर्मियों के 40 पद हैं, जिनमें 2 ही रिक्त हैं। इन पर एक सफाई निरीक्षक नियुक्त है। इसके अतिरिक्त घर-घर कचरा संग्रहण के लिए 2 ऑटो, एक ट्रैक्टर तथा काफी संख्या में व्हील बेरोज (कचरा उठाने की हाथ गाडियां) हैं। ऐसे में कर्मचारियों की लम्बी फौज के बावजूद व्यवस्था बिगड़ी हुई है।
कचरा संग्रहण करने वाले वाहनों के चालकों की स्थिति यह है वे प्रतिदिन सुबह के समय वार्डों में तो घूमते हैं, लेकिन धीरे चलाकर अथवा जगह-जगह रुककर घरों से कचरा संग्रहण नहीं कर पाते। घरों से लोग कचरा डालने के लिए उक्त कचरा संग्रहण वाहन से वंचित रह जाते हैं। मजबूरी में उन्हें खुली रेवडियों में कचरा डालने को मजबूर होना पडता है।
यही नहीं घरों पर सफाई करने वाले लोग घरों से कचरा उठाकर यहां-वहां खुले में ही फैंक जाते हैं। इससे भी गंदगी में इजाफा होता है। नाली नालों की स्थिति यह है कि उनमें भारी मात्रा में कचरा एवं कीचड़ जमा है। जिससे पानी बहाव सही नही हो पाता ओर आम रास्तों पर आ जाता है।
अभियान चलाएंगे
पालिका क्षेत्र में अभियान चलाकर सफाई कराई जाएगी। इसके लिए योजना तैयार की जा रही है।
राकेश बडाया, पालिकाध्यक्ष नगरपालिका उनियारा दल बनाए जाएंगे
कस्बे में समुचित सफाई कराने के लिए सफाई कर्मियों के दल बनाकर वार्ड वाइज एक साथ सफाई कराई जाएगी। इसके लिए योजना तैयार की जा रही है।
रामकिशोर बैरवा, सफाई निरीक्षक नगरपालिका उनियारा।