रविवार सुबह गनवर गांव से पैदल मालपुरा की ओर आने पर एडवोकेट गणेश जाट व अन्य साथियों ने तहसीलदार अनिल चौधरी से दूरभाष पर सारी बात बताकर इनको भेजने की अनुमति चाही। इस पर तहसीलदार ने सभी श्रमिकों को तहसील कार्यालय में बुलवाया तथा चिकित्सालय में भेजकर सभी की स्क्रीनिंग कराई जाकर उनको वाहन से पहुचाने की अनुमति प्रदान की गई, जिसमें समाजसेवियों द्वारा वाहन की व्यवस्था कर सभी श्रमिको को रवाना किया।
अस्पताल में लॉक डाउन की जरुरत, कोरोना संक्रमण का खतरा
देवली. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लगाए गए लॉक डाउन के बावजूद राजकीय अस्पताल देवली में रोगियों की भरमार है। जिसकी वजह से वायरस संक्रमण का भय बना हुआ है। लेकिन आमजन व सामान्य बीमारियों के रोगी अपनी व लोगों की चिंता किए बगैर अस्पताल में उपचार के लिए आ रहे है।
यहां राजकीय अस्पताल में प्रतिदिन विभिन्न रोगों से ग्रसित रोगी आ रहे है। जो एक-दूसरे से सटकर खड़े रहते है। इससे संक्रमण का खतरा बन रहा है। प्रशासन की चेतावनी के बावजूद लोगों पर इसका असर नहीं पड़ रहा। इसी प्रकार शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्र के लोग प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जाने के बजाय देवली आ रहे है।
चिकित्साकर्मियों ने बताया कि लॉक डाउन की अवधि में भी प्रतिदिन 300 सेे 400 का आउटडोर चल रहा है। पालिका उपाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह चौधरी का कहना है कि भीड़ खत्म करने के लिए अस्पताल में लॉक डाउन लगाने की जरुरत है। केवल प्रसव सहित नाजुक स्थिति वाले रोगियों को ही अस्पताल आने की इजाजत मिले। वहीं सामान्य रोगियों के लिए अस्पताल को एक फोन नम्बर जारी करने चाहिए। जिसे पर फोन कर रोगी अपनी दवा की सलाह चिकित्सक से ले सके। वहीं शेष चिकित्सकों व कर्मचारियों का फिल्ड में जांच करने के लिए लगा देना चाहिए।